देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डेनिस और जुम्मे की नमाज के सवाल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि जुम्मे की नमाज की छुट्टी की अधिसूचना की जांच के लिए अपनी सारी एजेंसियां लगा लें। जबकि डेनिस इन दिनों उत्तराखंड और दिल्ली में बिक रही है।
उन्होंने कहा कि एक पूर्व सैनिक का तो यह भी कहना है कि भाजपा सरकार में यह सेना की कैंटीन में भी उपलब्ध होने लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा यह बताए कि कांग्रेस सरकार में शराब यदि जहर थी तो इसे पीकर कितनों की मौत हुई है। जबकि वह बता सकते हैं कि भाजपा सरकार में भगवानपुर में शराब पीकर कितनों की मौत हुई, काशीपुर में कितने मरे, चंडीगढ़ से उत्तराखंड आ रही शराब से कितनों की मौत हुई है। पूर्व सीएम ने कहा कि यदि भाजपा सरकार प्रदेश में बिक रही नकली शराब के लिए माफी नहीं मांग सकती तो कम से कम इससे मारे गए लोगों को मुआवजा तो दे सकती है। उन्होंने स्टिंग के सवाल पर कहा कि भाजपा के भी स्टिंग हुए हैं। इसका आइडिया देने वाले भी भाजपा के हैं।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम में प्रदेश का गौरव हमारी बेटी, बहनों को जिस तरह से घसियारी बताकर संबोधित किया गया। वह उत्तराखंड की नारी शक्ति का अपमान है। भाजपा और कांग्रेस सरकार में विकास के मसले पर उन्होंने कहा कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री के साथ इस मुद्दे पर बहस की चुनौती मंजूर है। कांग्रेस ने जो काम किए हैं उसके आधार पर वह केंद्रीय गृह मंत्री पर भारी पड़ेंगे। कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमारी बेटी और बहनें अपने घर के बहुत सारे काम करती हैं। खेतों में काम करती हैं, जानवरों के लिए घास लेकर आती हैं। प्रदेश की बेटी और बहनों ने कई ऊंचाइयों को छुआ है। जो प्रदेश का गौरव बढ़ा रही हैं, लेकिन सरकार ने घसियारी शब्द का इस्तेमाल कर उनका अपमान किया।