हरिद्वारः कांवड़ यात्रा मंगलवार को श्रद्धालुओं की संख्या का नया रिकॉर्ड बनाकर संपन्न हुई।
दो साल से कांवड़ मेला नहीं हुआ था। इस बार बड़ी संख्या में कांवड़िए धर्मनगरी पहुंचे। कांवड़ मेला सेल के प्रभारी बीएल भारती ने बताया, 3.80 करोड़ कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर वापस लौटे। कांवड़ियों की भारी भीड़ से फाेर-लेन हरिद्वार-दिल्ली हाईवे तक जाम हो गया।
पुलिस के अनुसार, अंतिम दिन 40 से 45 लाख शिव भक्त जल भरकर गंतव्य की ओर रवाना हुए। दावा है कि अभी तक करीब 4 करोड़ कांवड़िये जल भरकर रवाना हो चुके हैं। 2017 और 2018 के कांवड़ मेले से भी अधिक भीड़ आई। 2018 में अभी तक सबसे अधिक 3.76 करोड़ कांवड़िए पहुंचे थे। इसका एक कारण यह भी माना जा रहा है कि कोरोना काल के कारण दो साल कांवड़ मेला नहीं हो पाया था।
पिछले वर्षों का विवरण
वर्ष कांवड़ियों की संख्या
2010 1.15 करोड़
2011 1.52 करोड़
2012 1.95 करोड़
2014 2.65 करोड़
2015 3.19 करोड़
2016 3.23 करोड़
2017 3.70 करोड़
2018 3.76 करोड़
2019 3.30 करोड़
कांवड़ यात्रा 26 जुलाई को समापन के बाद हरिद्वार में आज से शहर का जनजीवन पटरी पर लौट आएगा। करीब 13 दिन तक चली कांवड़ यात्रा सकुशल सम्पन्न हाईवे से लेकर शहर के यातायात की स्थिति सामान्य हो जाएगी। पहले की ही तरह आमजन अब हर जगह आसानी से आ जा सकेंगे। कांवड़ यात्रा सम्पन्न होने पर शहरवासियों ने भी राहत की सांस ली है।
14 जुलाई से कांवड़ यात्रा का आगाज हुआ था, जिसका असर हर साल शहरवासियों के जनजीवन पर पड़ता है। पैदल कांवड़ के दौरान फिर भी शहर में हालात लगभग ठीकठाक रहते हैं, लेकिन हाईवे पर यातायात प्लॉन लागू होने से स्थितियां बदल जाती है।एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि कल से सभी प्रतिबंध हट जाएंगे। पुलिस फोर्स भी बुधवार से अपने जिलों में लौटना शूरु हो जाएगा। पैरामिलिट्री फोर्स भी लौट जाएगी।