देहरादूनः उत्तराखंड के कई जिलों में गाय, बैलों और बछड़ों पर लंपी बीमारी का प्रकोप जारी है। इससे गांवों के कई पशु पालक अपने मवेशियों को खो चुके हैं।
रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी समेत कई जिलों में मवेशी लंपी वायरस का शिकार होकर अपनी जान गंवा चुके हैं. प्रभारी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीके चंद ने बताया कि विभाग मवेशियों की मौत के आंकड़े जुटा रहा है।पीड़ित पशुपालक सरकार से मुआवजा मांग रहे हैं। वहीं
पशु चिकित्सकों का कहना है कि वायरस पर नियंत्रण पाने के लिए लगातार टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। लंपी वायरस का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन अभी भी कई पशु बीमार हैं। टीकाकरण के बाद स्वस्थ पशुओं में इस बीमारी का संक्रमण काफी कम हुआ है।
अब जानिए कि आखिर लंपी वायरस क्या है। लंपी स्किन डिजीज जिसे पशु चेचक भी कहते हैं एक वायरल बीमारी है जो कैपरी पाक्स वायरस से फैलती है। कैपरी पाक्स वायरस से बकरियों में गोट पाक्स नाम की बीमारी फैलती है और भेड़ों में सीप पाक्स तथा गायों में लंपी स्किन डिजीज नाम की बीमारी फैलती है।