चेन्नई: प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक और देश की ‘हरित क्रांति’ में अहम योगदान देने वाले एम एस स्वामीनाथन का बृहस्पतिवार को यहां निधन हो गया। वह 98 वर्ष के थे। उनके परिवार में तीन बेटियां हैं। एम एस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के सूत्रों ने बताया कि उनका कुछ वक्त से उम्र संबंधी बीमारियों के लिए इलाज चल रहा था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन के निधन पर दुख जताया और साथ ही कहा कि कृषि क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान ने लाखों लोगों के जीवन को बदला और राष्ट्र के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की। प्रधानमंत्री ने स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत को प्रगति करते देखने का उनका जुनून अनुकरणीय था तथा उनका जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। देश की ‘हरित क्रांति’ में अहम योगदान देने वाले स्वामीनाथन का बृहस्पतिवार को चेन्नई में निधन हो गया। वह 98 वर्ष के थे।
मोदी ने ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, ‘‘डॉ एम एस स्वामीनाथन के निधन से गहरा दुख हुआ। हमारे देश के इतिहास में एक बहुत ही नाजुक अवधि में, कृषि में उनके अभूतपूर्व योगदान ने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया और हमारे राष्ट्र के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि में अपने क्रांतिकारी योगदान से इतर, स्वामीनाथन नवाचार के ‘पावरहाउस’ और कई लोगों के लिए वह एक कुशल संरक्षक भी थे। उन्होंने कहा कि अनुसंधान और लोगों के लिए प्रतिपालक की अपनी भूमिका को लेकर उनकी अटूट प्रतिबद्धता ने अनगिनत वैज्ञानिकों और अन्वेषकों पर एक अमिट छाप छोड़ी । उन्होंने कहा, ‘‘मैं डॉ स्वामीनाथन के साथ अपनी बातचीत को हमेशा संजोकर रखूंगा। भारत को प्रगति करते देखने का उनका जुनून अनुकरणीय था। उनका जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना।’’