पिता-पुत्र पर दर्ज हो चुका है हत्या का मामला

Prashan Paheli

अजय मिश्र का जन्म लखीमपुर के बनबीरपुर गांव में 25 सितंबर, 1960 को हुआ था। उन्होंने कानून की पढ़ाई की थी और उन्हें लखीमपुर में ‘महाराज‘ और ‘टेनी‘ के नाम से जाना जाता है। खेलों में दिलचस्पी रखने वाले अजय मिश्र तराई बेल्ट में पार्टी का ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर सियासत गर्मायी हुई है। विपक्षी दल अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इस वक्त सियासत के केंद्र में दो ही नाम हैं पहला अजय मिश्र का और दूसरा उनके बेटे आशीष मिश्र का। जो इस वक्त क्राइम ब्रांच की हिरासत में हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार ने अजय मिश्र को मंत्रिमंडल में जगह दी थी क्योंकि वो प्रदेश की तराई बेल्ट में भाजपा का ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं।

कौन हैं अजय मिश्र ?

अजय मिश्र का जन्म लखीमपुर के बनबीरपुर गांव में 25 सितंबर, 1960 को हुआ था। उन्होंने कानून की पढ़ाई की थी और उन्हें लखीमपुर में ‘महाराज‘ और ‘टेनी‘ के नाम से जाना जाता है। खेलों में दिलचस्पी रखने वाले अजय मिश्र तराई बेल्ट में पार्टी का ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं। हाल ही उन्होंने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं केवल मंत्री, सांसद और विधायक नहीं हूं। जो विधायक और सांसद बनने से पहले मेरे विषय में जानते होंगे उनको यह भी मालूम होगा कि मैं किसी चुनौती से भागता नहीं हूं…

राजनीति के साथ-साथ अजय मिश्र की खेलों में काफी दिलचस्पी है। पहले वो खुद भी पहलवानी किया करते थे और फिर उन्होंने भी पहलवानी का आयोजन कराना शुरू कर दिया था। आपको बता दें कि राजनीति में आने से पहले अजय मिश्र की पहचान एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी की थी। उनपर कई मुकदमे भी दाखिल हो चुके हैं। हालांकि अब गांव में इस विषय पर कोई भी ज्यादा बात नहीं करता हैं।

साल 2003 में प्रभात गुप्ता हत्या मामले में भी अजय मिश्र का नाम सामने आया था लेकिन एक साल बाद स्थानीय अदालत ने उन्हें आरोपमुक्त कर दिया था। इस मामले में अजय मिश्र पर अदालत परिसर में गोली दागी गई थी, जिसमें वो जख्मी हो गए थे। हालांकि इस घटना के बाद ही उन्होंने साल 2004-05 में राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। 2009 में पहली बार पंचायत सदस्य बने और फिर साल 2012 में भाजपा की टिकट पर निघासन सीट से विधानसभा पहुंचे थे फिर साल 2014 में सांसद बनने का मौका मिल गया।

अजय मिश्र के बेटे का नाम आशीष मिश्र मोनू है और वह अपने पिता की ही तरह पहलवानी करवाता है। कॉलेज के दिनों में ही आशीष मिश्र राजनीतिक रूप से सक्रिय हो गए थे। उन पर साल 2007 में ही पहला मुकदमा दर्ज हो गया था। इसके बाद जब पिता अजय मिश्र पंचायत सदस्य बने थे तो आशीष मिश्र ने उनका कामकाज संभाल लिया था। जैसे-जैसे पिता का कद बढ़ता गया आशीष मिश्र को भी इसका फायदा मिला। उन्हें भाजपा युवा मोर्चा के अवध क्षेत्र का उपाध्यक्ष बना दिया गया।

आशीष मिश्र पहलवानी के साथ-साथ क्रिकेट का भी आयोजन कराया करते हैं क्योंकि उन्हें क्रिकेट खेलना बेहद पसंद है। स्थानीय लोगों के मुताबिक आशीष मिश्र को अकेले चलने की आदत नहीं है उनके साथ गाड़ियों का काफिला होता है। सांसद निधि से जो विकास कार्य होता है उसके मुआयने की जिम्मेदारी पिता ने आशीष मिश्र को ही दी है।

Next Post

भारत को अंतरिक्ष संपत्तियों की सुरक्षा में अपनी क्षमता को बढ़ाना होगा: अजित डोभाल

भारतीय अंतरिक्ष संघ, एक अंतरिक्ष क्षेत्र उद्योग निकाय है, जिसमें भारती एयरटेल, लार्सन एंड टुब्रो, अग्निकुल, ध्रुव स्पेस और कावा स्पेस जैसी कंपनियां शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक विकास और प्रौद्योगिकी विकास राष्ट्रीय शक्ति के सबसे महत्वपूर्ण तत्व हैं। नयी दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने सोमवार को […]

You May Like