नई दिल्ली। धर्म के आधार पर बने देश पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाना तो आम बात हो गया है। आए दिन वहां से मंदिर तोड़े जाने की खबर आती है तो कभी भगवान की मूर्तियों को निशाना बनाया जाता है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में मंदिर पर हमला हो गया और कुछ लोगों ने भगवान कृष्ण की मूर्ति तोड़ दी। इसी महीने पाकिस्तान में गणेश मंदिर पर भी हमला हुआ था और अब सिंध प्रांत में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जन्माष्टमी के दिन मंदिर पर हमला हुआ और भगवान कृष्ण की मूर्ति तोड़ दी गई। घटना के बाद सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर साझा की गई जिसमें देखा जा सकता था कि कैसे श्रद्धालु के साथ मारपीट की जा रही है। यह हमला तब किया गया जब मंदिर में श्रद्धालु कृष्णाष्टमी की पूजा कर रहे थे।
पाकिस्तान में ईसाई समुदाय के पवित्र स्थल गिरजाघर भी धवस्त किए जाने की खबर है। हालांकि गिरजाघरों को किसी चरमपंथी या कट्टरपंथी समूहों ने नहीं बल्कि प्रशासन द्वारा ध्वस्त किया गया है। द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में पाकिस्तान के कराची में प्रशासन ने ईसाई समुदाय के पवित्र स्थल गिरजाघर को तोड़ दिया है। अखबार के माध्यम से बताया गया है कि कराची के गुर्जर नाले के चार में से तीन गिरजाघरों को 29 अगस्त को प्रशासन द्वारा ध्वस्त कर दिया गया। बताया गया है कि अतिक्रमण को हटाने के लिए ऐसा किया गया है। सेंट जोसेफ कैथोलिक चर्च में प्रार्थना समाप्त होने के ठीक बाद प्रशासन ने घटना को अंजाम दिया। अखबार ने यह भी बताया है कि चर्च के सामने का हिस्सा पहले ही अतिक्रमण विरोधी अभियान में नष्ट कर दिया गया था।
पाकिस्तान में हिंदुओं और हिंदू मंदिर पर हमले की घटना आम है। इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में रहीम यार खान में मंदिर पर हमला हुआ था। घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जो अधर्म, अत्याचार और पाप की पूरी कहानी बयां करती नजर आ रही थी। बच्चे, बूढ़ें और जवान कोई हाथों में पत्थर उठाए तो कोई लकड़ी का डंडा जिसको जो हाथ लग रहा है उसको लेकर मंदिर के ऊपर अपनी भड़ास निकालता नजर आ रहा है। मंदिर में तोड़ फोड़ के दौरान नारा ए तकबीर और अल्लाह हू अकबर जैसे नारे भी लगाए जा रहे थे। सैकड़ों की संख्या में लोग मंदिर के अंदर दाखिल होते और मंदिर को नुकसान पहुंचाने के साथ ही मूर्तियों को अपना निशाना बनाते हैं। हालात इतने बेकाबू थे कि पुलिस भी मूक दर्शक बनी रही। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में इमरान सरकार को फटकार भी लगाई थी। जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने बाद में कहा कि उसने पंजाब प्रांत में मंदिर को फिर से ठीक करने का काम पूरा कर लिया है।