शिमला। प्रख्यात अंक ज्योतिषी एवं वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा 2 अप्रैल से हिंदू पंचांग के नवसंवत् 2079 के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसका नाम नल है और राजा शनि देव रहेंगे। शनिवार को ही चौत्र नवरात्र शुरू हो जाएंगे, जो 10 अप्रैल तक रहेंगे।
इस संवत का राजा शनि व मंत्री गुरु होने के कारण देश मे महंगाई भ्रष्टाचार व आम जनता को लाभ न मिलने के कारण जनता में असंतोष रहेगा। भारत के किसी राज्य में सत्ता परिवर्तन व किसी बड़े नेता का अपदस्थ होना व मृत्यु योग बनता है। इस बार रेवती नक्षत्र और तीन राजयोगों में नववर्ष की शुरुआत होना शुभ संकेत है। इसके स्वामी बुध हैं। बुध के कारण कारोबार में फायदा होता है, इसलिए इस नक्षत्र में खरीद-बिक्री करना शुभ माना जाता है। व्यापार का कारक बुध भी इस नक्षत्र में रहेगा। इससे बड़े लेन-देन और निवेश के लिए पूरा साल शुभ रहेगा। नव वर्ष साथ ही नवरात्र में तिथि की घट-बढ़ नहीं होने से देवी पर्व पूरे 9 दिन का रहेगा। इस तरह अखंड नवरात्र सुख-समृद्धि देने वाली रहेगी। उन्होंने बताया कि 1563 साल बाद अति दुर्लभ संयोग हो रहा है। इससे पहले 22 मार्च 459 को ये ग्रह स्थिति बनी थी।
पंडित डोगरा ने बताया कि इस साल नववर्ष की शुरुआत में मंगल और राहु-केतु अपनी उच्च राशि में रहेंगे वहीं, शनि खुद की ही राशि मकर में होगा। नववर्ष के सूर्याेदय की कुंडली में शनि-मंगल की युति से धन, भाग्य और लाभ का शुभ योग बन रहा है। इस योग के प्रभाव से ये साल मिथुन, तुला और धनु राशि वाले लोगों के लिए बहुत शुभ रहेगा। वहीं, अन्य राशियों के लिए बड़े बदलाव का समय रहेगा। शनि-मंगल और राहु-केतु का अति दुर्लभ संयोग बन रहा है जो भाग्य, धन और लाभ देने वाला रहेगा ।
पंडित डोगरा ने बताया कि आर्थिक मजबूती और व्यापार को बढ़ाने वाला साल रहेगा। सरल, सत्कीर्ति और वेशि नाम के राजयोगों में नववर्ष शुरुआत हो रही है, जिससे नवरात्र में खरीदारी, लेन-देन, निवेश और नए कामों की शुरुआत करना शुभ रहेगा। इन योगों का शुभ फल पूरे साल दिखेगा। इस कारण कई लोगों के लिए ये साल सफलता और आर्थिक मजबूती देने वाला रहेगा। इस साल लोगों के कल्याण के लिए योजनाएं बनेंगी और उन पर काम भी होगा। कई लोगों के लिए बड़े बदलाव वाला साल रहेगा।