देहरादून: चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में नर्सिंग अधिकारियों के 1564 पदों पर सूबे के स्थाई निवासियों को ही नियुक्ति प्रदान की जायेगी। इसके लिये पूर्व से ही नर्सिंग अधिकारी सेवा नियमावली में स्पष्ट व्यवस्था है। अभ्यर्थियों का चयन अभिलेख सत्यापन के उपरांत वर्षवार मेरिट के आधार पर किया जायेगा, इसके लिये चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को स्पष्ट निर्देश दे दिये गये हैं। सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि सोशल मीडिया में कुछ लोगों द्वारा नर्सिंग अधिकारी भर्ती को लेकर अनर्गल बयानबाजी की जा रही है जो कि तथ्यहीन है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में नर्सिंग अधिकारी भर्ती की स्पष्ट नियमावली है, जिसमें उत्तराखंड राज्य के स्थाई निवास प्रमाण पत्र धारक अभ्यर्थी को ही आवेदन करने की व्यवस्था है। ऐसे में नियमावली के इतर किसी भी अभ्यर्थी का चयन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने नर्सिंग अधिकारी की भर्ती वर्षवार करने का निर्णय लिया है जिसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को दी गई है। बोर्ड द्वारा राज्य में लागू आरक्षण रोस्टर के आधार पर पूर्व में ही ऑनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित किये जा चुके हैं, जिसमें नियमावली में निहित सभी प्रावधानों को स्पष्ट रूप से विज्ञापित किया गया है, जिनकी जांच का कार्य तेजी से चल रहा है। चयन बोर्ड द्वारा अर्हता प्राप्त अभ्यर्थियों के अभिलेख सत्यापन की प्रक्रिया को 31 मई 2023 से शुरू किया जा रहा है। जिसमें अभ्यर्थियों द्वारा संलग्न प्रमाण पत्रों की बरीकी से जांच कराई जायेगी। इसके उपरांत ही अर्हता प्राप्त अभ्यर्थियों की वर्षवार मेरिट के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों को विभिन्न जनपदों में तैनाती दी जायेगी। राजकीय जिला अस्पतालों एवं उप जिला अस्पतालों में 1564 पदों पर नर्सिंग अधिकारियों की तैनाती होने से मरीजों को बेहतर उपचार मिल सकेगा।
डा. रावत ने बताया कि राज्य सरकार के निर्णय के उपरांत ही सूबे में लम्बे समय के बाद नर्सिंग अधिकारियों के रिक्त पदों पर भर्ती की जा रही है। इस भर्ती के उपरांत शीघ्र ही चिकित्सा शिक्षा विभाग में भी नर्सिंग अधिकारियों के 1383 रिक्त पदों को वर्षवार मेरिट के आधार पर भरा जायेगा।