उत्तरकाशी। गोविंद वन्य जीव विहार एवं राष्ट्रीय पार्क पुरोला के वन क्षेत्र अधिकारी ज्वाला प्रसाद गौड़ पर विभागीय जांच का शिकंजा कसता जा रहा है। 29 जुलाई 2021 को राजीव भरतरी प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड देहरादून ने उक्त अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि सात जुलाई 2021 को आपर वन संरक्षक कार्यालय ने गोविंद वन्यजीव पुरोला से जो आख्या मंगाई गई थी उसमें कई तथ्य सामने आए कि वन्यजीवों की खेती सुरक्षा के लिए 1040 मीटर दीवार के स्थान पर 761 मीटर मौके पर पायी गई है। दूसरी रेंज अधिकारी सुपिन रेंज में कार्यों की जानका।।री तक नहीं है जो कि लापरवाही है। इस पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।
उधर प्रभारी वन सचिव विजय कुमार यादव ने प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड को तीन अगस्त को पत्र जारी कर पूर्व विधायक प्रतिनिधि कृपाल सिंह राणा के पत्र का संज्ञान लेते हुए सुपिन रेंज नैटवाड़ के रेंजर ज्वाला प्रसाद को अपन 15 दिनों के भीतर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। शिकायत पत्र में श्री राणा ने उक्त रेंज अधिकारी का स्थानांतरण एवं आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। शिकायत करता कृपाल सिंह राणा ने रेंज अधिकारी ज्वाला प्रसाद पर आरोप लगाया है कि मोरी कोटगाँव सांकरी कम्पाट न0 1 में मुख्यमंत्री खेती सुरक्षा योजना के तहत घेर बाढ़ दीवारों के निर्माण कार्य 9 लाख स्वीकृत हुआ था जिसका अनुबंध ठेकेदार जगत सिंह के नाम पर उपनिदेशक पुरोला द्वारा स्वीकृत किया गया था। जिसमें से रेंजर ज्वाला प्रसाद ने 4.32 लाख का भुगतान ठेकेदार के नाम किया और 4.80 लाख का भुगतान अपने रिशतेदार हरीश के नाम किया जो कि अनुबंध नियमावली खिलाप है। उनका आरोप है कि ज्वाला प्रसाद क्लास टू ऑफिसर है कर्मचारी नियमावली के अनुसार अपने गृह क्षेत्र में नौकरी नहीं कर सकता। उन्होंने उक्त अधिकारी पर धन कि बंदरबांट करने का आरोप लगाया है। जांच के बाद गोविंद पशु विहार में हुए टेंडर के दौरान अनियमितता की शिकायत पर भी वरिष्ठ अधिकारी जांच करेंगे।