गैरसैंण को धीरे-धीरे बनाया जाएगा स्थायी राजधानी: विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी

Prashan Paheli
देहरादून: जिले के भ्रमण पर आईं विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को अल्मोड़ा के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत की I इस दौरान उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाया जायेगा I विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग जनता की है। सरकार ने इसे ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की शुरूआत कर दी है। हम धीरे-धीरे गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाएंगे। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री की ओर से पहले ही कहा गया है कि इस बार बजट सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में होगा। विधानसभा सचिवालय इसके लिए तैयार है। हम सुचारु रूप से इस सत्र को चलाएंगे। विधानसभा भर्ती घोटाले को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। अत: इस मामले में कुछ भी नहीं कहेंगीं। सभी को कोटिया कमेटी की रिपोर्ट का गहराई से आकलन करना चाहिए। निकाले गए कर्मियों व इससे पूर्व नियुक्त कर्मियों की नियुक्ति पर फर्क सभी को नजर आ जाएगा। इससे पूर्व सर्किट हाउस में पुलिस के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने सर्किट हाउस में डीएम वंदना सिंह व एसएसपी प्रदीप कुमार से वार्ता की। उन्होंने डीएम से जिले के विकास को लेकर चर्चा की। कहा कि विकास कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूरा करने के लिए सभी को गंभीरता दिखानी होगी। उन्होंने एसएसपी से जिले में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए भी कहा। कुछ समय रुकने के बाद वह कौसानी के लिए रवाना हुईं। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी बुधवार की शाम को कौसानी पहुंचीं। राज्य अतिथि गृह में जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य देवेंद्र गोस्वामी, जिला महामंत्री घनश्याम जोेशी, मंडल अध्यक्ष मंगल सिंह राणा, जिपं सदस्य जनार्दन लोहुमी, मंडल उपाध्यक्ष लखवेंद्र सिंह थायत, महेश ठाकुर, कमलेश पांडे आदि ने उनका स्वागत किया।
Next Post

कैलाश मानसरोवर यात्रा पर इस साल भी संशय बरकरार

पिथौरागढ़ः कैलाश मानसरोवर यात्रा के बारे में इसे संचालित करने वाली नोडल एजेंसी को अभी तक विदेश मंत्रालय से कोई सूचना नहीं मिली है, जिसके कारण लगातार चौथे साल इस वार्षिक तीर्थयात्रा के संचालन पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित लिपुलेख दर्रे के जरिए […]

You May Like