देहरादून: उत्तराखण्ड विधानसभा की सत्रावधि बढ़ाने की मांग कांग्रेस द्वारा की जा रही है। इसी परिपेक्ष्य में आज कांग्रेसियों ने गांधी पार्क के समक्ष विधानसभा सत्र का आयोजन किया। जिसमें सरकार पर सत्र को लेकर सरकार की मंशा पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कई सवाल उठाये।
इस दौरान कांग्रेसियों का कहना था कि प्रदेश सरकार विधानसभा भवन में पर्याप्त सत्र चलाने के लिए गंभीर नहीं हेै। इसीलिए सत्र को केवल तीन दिन का ही रखा गया है। जिसमें न तो विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं को ठीक ढंग से उठा सकते हैं
और न ही प्रदेश के विकास का खाका रख सकते हैं। जब विधायक विधानसभा में बैठ कर अपने क्षेत्रों की बात ही नहीं करना चाहते हैं तो इससे बेहतर यही होगा कि करोड़ों रूपये खर्च कर बनाए गये इन भवनों को किराए पर दे दिया जाए और सत्रों को सरकार किसी होटल या रिसोर्ट में चलाए।
इस दौरान कांग्रेसियों ने कहा कि विधानसभा की नियमावली के अनुसार किसी भी राज्य में वर्षभर विधानसभा सत्र 60 दिन तो चलना ही चाहिए।
जबकि यहां वर्ष 2017 में तीन सत्र हुआ जो केवल 17 दिन ही चले। वर्ष 2018 में तीन सत्र कुल 18 दिन चले। वर्ष 2019 में तीन कुल 22 दिन और वर्ष 2020 में दो सत्र कुल छह दिन ही हो सके।
जबकि 21 से 23 दिसंबर तक आहूत होने वाला विधानसभा सत्र भी केवल तीन दिवसीय ही है। इस तरह से इतने कम समय में राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा कब और कैसे होगी। कांग्रेसियों ने राज्य हित में प्रत्येक सत्र को कम से कम 15 से 20 दिन चलाने जाने की मांग की है।