श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में जारी वार्षिक अमरनाथ यात्रा के तहत भगवान शिव के ‘छड़ी मुबारक’ को श्रावण शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के अवसर पर गुरुवार को श्रीनगर के प्राचीन ‘शारिका-भवानी’ मंदिर में देवी के दर्शन के लिए ले जाया गया। छड़ी मुबारक के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरि जी के नेतृत्व में सदियों पुरानी परंपराओं के अनुसार ‘श्रावण शुक्ल पक्ष प्रतिपदा’ के अवसर पर देवी की पूजा करने के लिए हरि पर्वत मंदिर ले जाया गया।
करीब डेढ़ घंटे (90 मिनट) से अधिक समय तक चले ‘पूजन’ में बड़ी संख्या में साधुओं और भक्तों ने भाग लिया। देवी ‘शारिका-भवानी’, जो रहस्यों के वजह से ‘त्रिपुरसुंदरी’ के नाम से लोकप्रिय हैं। जिसे श्रीनगर शहर की ‘इष्ट देवी’ (इष्टदेव) के रूप में माना जाता है, जो हरि में ‘शिला’ (पवित्र चट्टान) की आकृति में प्रकट हुईं थीं।
यहां जारी बयान में कहा गया है कि शनिवार को श्रीनगर के श्री अमरेश्वर मंदिर में छड़ी-स्थापना समारोह किया जाएगा। सोमवार, 21 अगस्त 2023 को नागपंचमी के अवसर पर श्रीनगर स्थित दशनामी अखाड़े में ‘छड़ी पूजन’ के बाद पवित्र छड़ी ‘पूजन’के लिए अमरनाथ की पवित्र गुफा के लिए रवाना होगी जहां पर 31 अगस्त को ‘श्रावण पूर्णिमा’ के दिन सुबह श्रद्धालु ‘दर्शन’ कर सकेंगे।
गौरतलब है कि कि इस वर्ष 62 दिनों की वार्षिक अमरनाथ यात्रा 01 जुलाई से शुरू हुई थी और यात्रा का समापन 31 अगस्त को होगा। अभी तक चार लाख 30 हजार से अधिक यात्रियों ने बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा के दर्शन किए हैं।