जन भागीदारी से ही जल संरक्षण का प्रयास सफल हो सकता है: जल मंत्री के सम्मेलन में बोलें प्रधानमंत्री मोदी

Prashan Paheli
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को जल संरक्षण के अभियानों में लोगों की भागीदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि अकेले सरकार के प्रयासों से कुछ नहीं हो सकता। राज्यों के जल मंत्रियों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जल राज्यों के बीच सहयोग व समन्वय का विषय होना चाहिए और शहरीकरण की तेज गति को देखते हुए उन्हें पहले से ही इसके लिए योजना तैयार करनी चाहिए। उनकी इस टिप्पणी के कई मायने हैं, क्योंकि दशकों से कई राज्यों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर विवाद है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मनरेगा के तहत, ज्यादा से ज्यादा काम पानी पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के अभियानों में जनता को, सामाजिक संगठनों को और सिविल सोसायटी को ज्यादा से ज्यादा शामिल करना होगा। मोदी ने कहा, ‘‘जब किसी अभियान से जनता जुड़ती है तो उसे उसकी गंभीरता का भी पता चलता है।’’ गौरतलब है कि जल शक्ति मंत्रालय ने पांच-छह जनवरी को भोपाल में जल से जुड़े विषय पर राज्यों के मंत्रियों के पहले अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया है। जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, राज्यों के मंत्रियों के इस पहले अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन का विषय ‘वॉटर विज़न@2047’ है।
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