उत्तराखंड में वाहनों का किराया हर वित्तीय वर्ष में होगा तय
देहरादून: राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) यात्री वाहनों का किराया हर साल वित्तीय वर्ष में तय दरों के साथ बढ़ोतरी करेगी। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। पहले किराया का दर दो सालों में तय होता था।
शुक्रवार को देहरादून स्थित राज्य परिवहन प्राधिकरण में परिवहन आयुक्त अरविद सिंह ह्यांकी की मौजूदगी में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। अरविद सिंह ह्यांकी ने बताया कि पहले वाहनों के किराया कई सालों में बढ़ता था। अब हर साल के वित्तीय वर्ष अप्रैल से परिवहन निगम के साथ व्यवसायिक व मालभाड़े की दरों को बढ़ाया और घटाया जाएगा। जिससे यात्रियों पर अधिक बोझ एकाएक न पड़े। इसके लिए उप परिवहन आयुक्त राजीव मेहरा के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी में चार लोग होंगे। कमेटी एक माह में अपना रिर्पोट तैयार करेगी और फिर इसे लागू किया जाएगा।
मोटर कैब का मिलेगा लाइसेंस :
अब उत्तराखंड में केन्द्र के ”रेन्ट ए कैब (स्कीम) 1989” के तहत मोटर कैब चलाने की अनुमति कुछ शर्ते यानी 50 वाहनों की संख्या के आधार लाइसेंस दी जाएगी।
डबल किराया लेने पर स्वामी पर प्रतिबंधः बैठक में वाहन संख्या यूके-07 टीबी-6819 देहरादून से 30 सितंबर को यात्री का बागेश्वर लेकर गया था। इस दौरान वह डबल किराया यात्री से लिया। एक बार तेल भरवाने 3000 हजार और बागेश्वर पहुंचने पर 7500 सौ रुपये लिया। यात्री के शिकायत पर देहरादून संभागीय परिवहन अधिकारी (परिवर्तन) के नोटिसों में जवाब में वाहन स्वामी की ओर से उत्तर संतोष जनक नहीं मिला। इसके उपरांत स्वामी को तीन माह के वाहन यात्रा के लिए प्रतिबंध किया गया है।