कारगिल विजय में उत्तराखंड के सैनिकों का रहा बड़ा योगदान :राज्यपाल

Prashan Paheli
देहरादून: राज्यपाल ने कारगिल विजय के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शूरवीरों को नमन करते हुए उनके बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि इस विजय में देवभूमि उत्तराखंड के सैनिकों का बहुत बड़ा योगदान रहा। मंगलवार को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने लाल गेट, सब एरिया कैंट स्थित शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हमारे वीर जवानों ने विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी अपने शौर्य और पराक्रम से दुश्मनों को परास्त किया। कारगिल में हमारे 527 जांबाज सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। इसमें देवभूमि उत्तराखंड के 75 जवान शामिल थे। वे शहीद हमारे देश के हीरो और आइकन हैं। उनके राष्ट्र प्रेम की भावना से प्रेरित होकर हमारे अन्य सैनिक भी देश की सुरक्षा में लगे हुए हैं। राज्यपाल ने कहा कि सेना में रहते हुए उन्होंने कारगिल क्षेत्र को बड़े करीब से देखा है। जहां पर सैनिकों का जोश और जज्बा होना जरूरी है। इस विजय में देवभूमि उत्तराखंड के सैनिकों का बहुत बड़ा योगदान रहा। इसमें से 37 सैनिक वीरता पुरस्कार पदक विजेता रहे हैं। उन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी बहादुरी व शौर्य का परचम लहराया। राज्यपाल ने कहा कि सभी वीर जवानों के परिवारों और वीरांगनाओं को हर सम्भव मदद करना शहीदों की सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कारगिल के वीर जवानों की वीर गाथा हम सभी को राष्ट्र प्रेम व देश भक्ति की प्रेरणा देती है। भारतीय सेना दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेना है, जो किसी भी मुकाबले के लिए सक्षम है। इस मौके पर उत्तराखंड सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल संजीव खत्री, उत्तराखंड सब एरिया के अधिकारीगण, सभी ब्रिगेड के स्टेशन कमांडर और भूतपूर्व सैनिक उपस्थित रहे
Next Post

रणबांकुरों का सिंहनाद 1999 से लेकर आज तक गूंज रहा है :मुख्यमंत्री धामी

देहरादून: मुख्यमंत्री ने कहा कि रणबांकुरों का दुश्मन के खिलाफ किया गया सिंहनाद 1999 से लेकर आज तक उसी वेग से गूंज रहा है। हमारे वीर जवानों ने मां भारती की रक्षा के लिए पराक्रम की नई परिभाषा लिखी। सरकार वीर सैनिकों और परिवारों के सम्मान पूरा ख्याल रखेगी। गांधी […]

You May Like