देवभूमि के साथ उत्तराखंड को देवीभूमि बनाया जाएगा : रेखा आर्य

Prashan Paheli

देहरादून: महिला एवं बाल विकास मंत्री ने बेटियों की रक्षा का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड इस सावन माह में ऐसा कार्य करेगा कि देवभूमि के साथ इसे देवी भूमि भी माना जाए। मंत्री ने लैंगिक आंकड़े की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें उत्तराखंड सरकार बेहतर काम कर रही है। ताकि लड़कियों का अनुपात लड़कों के बराबर किया जा सके।

बुधवार को एक पत्रकार वार्ता में मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि लड़कों के एक हजार के बराबर लड़कियों के अनुपात को बढ़ाने और बराबर करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि इस सावन के पवित्र माह में हम सबको इसके लिए संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ देवीभूमि भी बने, यह हम सबकी अपेक्षा है। इसके लिए 26 जुलाई को हरिद्वार से एक विशेष कार्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कांवड़ यात्रियों के साथ मंत्री ने बालिकाओं की जन्म दर बढ़ाने के लिए 25 किलोमीटर लंबी कांवड़ यात्रा का प्रतिनिधित्व करेंगी। यह कांवड़ यात्रा कांवड़ यात्रा 26 जुलाई सुबह 7 बजे हरकी पैड़ी से लेकर वीरभद्र महादेव मंदिर तक जाएगी जहां शाम 3.30 बजे जलाभिषेक किया जाएगा

उन्होंने कहा कि मैं उत्तराखंड और देश की बेटी हूं और सरकार का अंग होने के रूप में लैंगिक समानता को बढ़ावा दूंगी। हमारा विभाग इस समानता के लिए संकल्पित है। इस संकल्प के लिए कांवड़ यात्रा निकालेंगे जो हरकी पैड़ी से वीरभद्र तक जाएगी। उन्होंने कहा कि बेटियों की ओर से मेरी लोगों से अपील है कि ‘बेटियां कह रही हैं कि मुझे भी जन्म लेने दो इस संकल्प को हम पूरा करेंगे’।

रेखा आर्य ने कहा कि हम दोहरी मानसिकता को समाप्त करेंगे। प्रदेश की सिल्वर जुबली तक समान लैंगिकता को करेंगे पूरी हो यह हमारा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि इस कांवड़ यात्रा के साथ आंगनबाड़ी की महिला और अधिकारी भी अपने क्षेत्रों में जलाभिषेक करेंगे। इस कार्यक्रम में मेरे साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे।

Next Post

कंधे और पीठ पर कील गाड़कर कांवड़ खींचता नजर आया कांवड़िया

हरिद्वार: हरिद्वार कांवड़ मेले में लाखों शिव भक्त कांवड़ लेने आते हैं। शिव भक्त पूरी श्रद्धा से कांवड़ उठाते हैं। वे अलग-अलग प्रकार की कांवड़ लेकर हरिद्वार से अपने गंतव्य को रवाना होते हैं। इसी तरह से एक कांवड़िया कंधे और पीठ पर कील गाड़कर कांवड़ खींचता नजर आया। हरिद्वार […]

You May Like