नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला, गरिमा दसौनी और अभिनव थापर को कुछ हद तक राहत देते हुए उनके खिलाफ चल रही पुलिस कार्रवाई को फिलहाल स्थगित कर दिया है। साथ ही राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ में हुई। मामले के अनुसार प्रदेश के वित्त मंत्री अग्रवाल के सुपुत्र पीयूष अग्रवाल ने देहरादून कोतवाली में लिखता 28 दिसंबर को तीनों कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ उनके पिता की छवि धूमिल करने के आरोप में मानहानि का अभियोग पंजीकृत कर दिया था।
इसके खिलाफ तीनों नेता उच्च न्यायालय पहुंच गये। उन्होंने उनके खिलाफ दर्ज अभियोग खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि राजनैतिक द्वेष भावना के कारण उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। उच्चतम न्यायालय के सुब्रह्ममण्यम स्वामी के मामले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस सीधे मानहानि का अभियोग दर्ज नहीं कर सकती है। अभियोग दर्ज करने से पहले अदालत से अनुमति लेना आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता जयेन्द्र रमोला ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान वित्त मंत्री दिनेश अग्रवाल पर वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगाये थे। इस दौरान प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी और अभिनव थापर भी मौजूद रहे।