देहरादून: उत्तराखंड के ऐसे गांव जो भारत के प्रथम गांव हैं, उनके सुनियोजित विकास के लिए ‘‘मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना’’ और गांवों में स्वच्छता के लिए ‘मुख्यमंत्री पर्यावरण मित्र’ योजना शुरू की जायेगी। इसमें प्रत्येक गांव में एक पर्यावरण मित्र (स्वच्छक) की तैनाती की जायेगी। ग्राम पंचायतों के सुनियोजित विकास के लिए ‘मुख्यमंत्री चौपाल’ शुरू की जाएगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में पंचायती राज विभाग की समीक्षा के दौरान आलाधिकारियों को दी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वे स्वयं किसी गांव में जाकर चौपाल में प्रतिभाग करेंगे और मुख्य सेवक चौपाल में वे रात्रि विश्राम भी करेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माणा में आयोजित कार्यक्रम में सीमाओं पर स्थित गांवों को अंतिम गांव की बजाय प्रथम गांव कहा था। ये गांव देश के प्रथम गांव के साथ प्रहरी भी हैं। हमारी पहली प्राथमिकता इन गांवों का सुनियोजित विकास होना चाहिए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि असली भारत गांवों में बसता है। राज्य के समग्र विकास के लिए गांवों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए। गांवों के विकास के लिए किसी गांव में एक कैबिनेट बैठक भी आयोजित की जाए, जिसमें गांवों के विकास से संबंधित प्रस्ताव हों। हमारे गांवों में धार्मिक,सांस्कृतिक, ऐतिहासिक आधार पर कुछ दिवस वहां के लिए विशेष महत्व के होते हैं।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गांवों में इन विशेष दिवसों को चिन्हित कर उत्साह के साथ कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। ग्राम सभा का स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इनमें उन गांवों के बाहर रहने वाले प्रवासी लोगों को प्रतिभाग करने के लिए विशेष रूप से प्रेरित किया जाए। उच्चाधिकारी भी इनमें प्रतिभाग करें।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों का सुनियोजित विकास हो, इसके लिए चौपाल लगाई जाएं। चौपाल में जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए और अधिकारी भी चौपालों में प्रतिभाग करें। इसके लिए ग्राम सभावार रोस्टर भी बनाया जाए। स्थानीय ग्रामीणों की ओर से इन चौपालों दिये जाने वाले सुझावों को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए गांवों के विकास की कार्ययोजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि 2025 में उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएगा। तब तक गांवों को आदर्श ग्राम बनाने की दिशा में क्या प्रभावी प्रयास किये जा सकते हैं, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए हर गांवों के लिए मास्टर प्लान बनाया जाए। अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित किये जाएं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का आम जन तक विभिन्न माध्यमों से व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। सरकार की नई योजनाओं की आम जन को जानकारी हो इसके लिए गांवों में योजनाओं की जानकारी के लिए बोर्ड लगाये जायें। सभी विभाग अपने स्तर से भी सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास से संबंधित अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेस को अपनाया जा सकता है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि गांवों में लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए प्रभावी प्रयास किये जाएं। ग्राम प्रधानों को आपदा निधि के लिए दस-दस हजार रुपये की निधि प्रदान करने की व्यवस्था की जाए। गांवों में चाल-खाल बनाने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव नितेश झा,निदेशक पंचायतीराज बंशीधर तिवारी, अपर सचिव ओंकार सिंह एवं पंचायतीराज विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।