यूके एसएसएससी पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए
देहरादून: कांग्रेस, उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग (यूके एसएसएससी) स्नातक स्तरीय पेपर लीक मामले में बड़े स्तर पर हुई धांधली को लेकर सरकार पर हमलावर रुख अख्तियार किया है। कांग्रेस ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग की है।
सोमवार को कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और उपनेता प्रतिपक्ष खटीमा विधायक भुवन कापड़ी ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में यह मांग की।
इस दौरान कापड़ी ने कहा कि यूके एसएसएससी में भाजपा सरकार महज दिखावा कर रही है। इस संस्था के अध्यक्ष और सचिव पर कार्रवाई होनी चाहिए। संस्था का अध्यक्ष और सचिव का इस्तीफा और हटाना नहीं बल्कि उन पर सरकार कार्रवाई करें।
ब्लैक लिस्टडेट संस्था को परीक्षा कराने का किसने अधिकार दिया। यह संस्था यूपी, मध्य प्रदेश में काली सूची में है, फिर भी उसे काम दिया गया। इसलिए अध्यक्ष और सचिव भी जिम्मेदार है। एसटीएफ की जांच से हम संतुष्ट हैं, लेकिन प्रश्न यह है कि बड़े-बड़े हुक्मरान तक एसटीएफ कैसे पहुंच पाएगी। यह मामला उत्तराखंड ही नहीं उत्तरप्रदेश से भी जुड़ा है। एसटीएफ के अधिकार दूसरे राज्य में जाने की एक सीमा है। अगर सरकार की मंशा साफ होती तो अंतिम व्यक्ति के धरपकड़ के लिए इस जांच को सीबीआई को सौंप देती। हर व्यक्ति को न्याय और दोषी को सजा मिलनी चाहिए। एस राजू पांच बार जांच के लिए पत्र लिखने की बात कह रहे हैं। फिर भी समय रहते जांच नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सीबीआई जांच की मांग करती है। उत्तराखंड के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। जिसकी भी संलिप्तता है, उन सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए। इनकी कब गिरफ्तारी की जाएगी, इस पर सरकार को जवाब देना होगा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा ने कहा कि उत्तराखंड में भर्तियों की जांच 2016 से होनी चाहिए। पूर्व भाजपा नेता हाकम का नाम पहले भी फारेस्ट भर्ती में आया है। 2016 में हाकम सिंह और तत्कालीन अध्यक्ष के संबंधों की भी जांच होनी चाहिए।
इसमें राजनीति और अधिकारियों की संलिप्तता होने की संभावना है। न्याय और भरोसे की मजबूती के लिए राज्य के अंदर भर्तियों की हाई कोर्ट के सिटिंग जज से जांच करानी चाहिए। को-आपरेटिव, फारेस्ट सहित अन्य सभी भर्तियों की 2017 से जांच के साथ संलिप्त लोगों की गिरफ्तारी की जाए।
भुवन कापड़ी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आरोपित के संबंध किसी भी दल से हों, बात यह नहीं भ्रष्टाचार में जो शामिल हो, उसके खिलाफ कार्रवाई हो। दल नहीं उत्तराखंडियत की बात है। वह 2016 से जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं। हम भाजपा सरकार ही नहीं कांग्रेस कार्यकाल की भी जांच की मांग करते हैं। साल 2016 में कांग्रेस की सरकार थी।