केजरीवाल की कहानियों का अंत नहीं

Prashan Paheli

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ड्रामे और उनकी कहानियों का अंत ही नहीं हो रहा है। उनकी सरकार ने एक बार फिर विधानसभा में विश्वास मत पेश कर दिया। किसी ने उनके बहुमत पर अविश्वास नहीं जाहिर किया था और न कहीं से उनकी सरकार को खतरा दिख रहा था। 70 सदस्यों की राज्य विधानसभा में केजरीवाल की पार्टी के 62 विधायक हैं। उन्हें तीन चौथाई से भी ज्यादा बहुमत है। फिर भी यह तीसरा मौका है, जब उन्होंने विश्वास मत हासिल करने का ड्रामा रचा है। पहले भी उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके विधायकों को 20 करोड़ रुपए देने की भाजपा ने पेशकश की है। इस आरोप के बाद उन्होंने विश्वास मत पेश कर दिया।

अब फिर आरोप लगाया है कि सात विधायकों को 25-25 करोड़ रुपए की पेशकश भाजपा ने की है और सरकार गिराना चाहती है। हालांकि सात या 17 विधायकों के टूटने से भी केजरीवाल की सरकार पर खतरा नहीं है। दूसरे, दिल्ली पुलिस उनसे पूछ रही है कि वे मीडिया में बयान देने के बाद औपचारिक शिकायत दर्ज कराएं। किसी व्यक्ति का नाम लें, जिसने पैसे की पेशकश की या कोई फोन नंबर ही बताएं कि इस नंबर से फोन करके पेशकश की गई थी। लेकिन उनकी पार्टी ने न कोई सबूत पेश किया है और न औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। लेकिन विधानसभा के सत्र में बजट टाल दिया और विश्वास मत पेश कर दिया।

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