नैनीताल: जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र जोशी की अदालत ने शादी के 25 वर्ष बाद पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपित पति मुकेश रत्नाकर पुत्र हरिचरण लाल निवासी नई बस्ती चर्च के पास जोगीपुरा रामनगर व उसके जीजा सुनील कुमार राही पुत्र बाबूलाल निवासी सराय जहाँ खान हजरत निजामुद्दीन दक्षिण दिल्ली का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र मामले की गंभीरता को देखते हुए खारिज कर दिया है। इसके साथ आरोपित पति व उसके जीजा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए तर्क रखा कि गत 3 अगस्त को रविंद्र कुमार ढींगरा पुत्र राजेंद्र कुमार डींगरा निवासी महेशपुरा काशीपुर ऊधमसिंह नगर में रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसकी बड़ी बहन ललिता का विवाह वर्ष 27 अप्रैल 1997 को मुकेश रत्नाकर पुत्र हरचरण रत्नाकर के साथ हुआ था। उनके दो बच्चे हर्ष रत्नाकर और श्रृष्टि रत्नाकर है।
तीन साल पहले उनकी बहन ललिता को पता चला उनके पति मुकेश रत्नाकर का किरन नाम की महिला के साथ संबंध चल रहा है। इस कारण घर में विवाद रहता था। दामाद मुकेश उनकी बहन के साथ अक्सर गाली-गलौच करता रहता था। ललिता ने पति की पुलिस में शिकायत भी कराई थी। इधर 27 जुलाई को शादी की 25वीं सालगिरह के चार दिन बाद 31 जुलाई 2022 को ललिता ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय द्वारा आरोपित पति मुकेश रत्नाकर व सुनील का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।