देहरादून: सीटू ने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर 26 नवंबर को आम हड़ताल का ऐलान किया है। आज पत्रकारों से वार्ता करते हुए सीटू के कृष्ण गुनियाल ने कहा कि 26 नवंबर को यह हड़ताल 12 सूत्रीय मांगों को लेकर की जा रही है। उन्होंने कहा कि रक्षा संस्थानों, एलआईसी, बैंक, रेलवे, कोल इंडिया, एयर इंडिया, बिजली सेक्टर सहित तमाम संस्थानों को निजी हाथों में देने का काम किया जा रहा है। जो आम जनता के हित में नहीं है। कहा कि स्कीम वर्कर, आंगनबाड़ी, आशा, भोजन माताओं के लिए 46वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशें लागू की जानी चाहिए। नये एमवी एक्ट के अनुसार बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। इससे आम व्यवसायी की रोजीकृरोटी छीनने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है। एमवी एक्ट से आम जनता पर भारी आर्थिक व दण्डात्मक कार्यवाही से जनता परेशान है।
सीटू द्वारा मांग की जा रही है कि श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने वाले श्रम कानूनों में किए गए भारी बदलाव को तत्काल वापस लिया जाए। राज्य सरकार के अधीन एनएचएम में करोड़ों के दवा घोटाले की जांच पुनः सीबीआई से करवाई जाए। ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं एवं उत्तराखण्ड के प्रवासी मजदूरों पर लगाए गए मुकदमों को वापस लिया जाए। राज्य के विभिन्न कारखानों में कार्यरत 637666 श्रमिकों का कोरोनाकाल का अवशेष भुगतान किया तत्काल किया जाए। उत्तराखण्ड में वापस आए प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार की उचित व्यवस्था की जाए और तत्काल प्रभाव से आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। सभी राज्य व निगमों के कर्मचारियों की बंद की गई पुरानी पेंशन बहाल की जाए। राज्य के विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों पर नियमित नियुक्तियां की जाएं।
सीटू द्वारा मांग की गई है कि आंगनबाड़ी व भोजनमाताओं और आशा वर्करों का राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान मानदेय घोषित किया जाए। लंबे समय से सेवारत उपनल कर्मियों को नियमित किया जाए। उत्तराखण्ड राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सभी वर्गों के कर्मचारियों को समान कार्य के बदले समान वेतन नीति का पालन सुनिश्चित किया जाए।