देहरादून: उत्तराखंड राज्य के लिये अगले महीने सौर ऊर्जा नीति आ सकती है। सरकार की ओर से सभी बिंदुओं पर इसकी तैयारी कर ली गई हैं। दो मार्च को कैबिनेट की बैठक होगी जिसमें इस नीति समाहित की जाएगी। सरकार की ओर से माना गया है कि राज्य में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 2000 मेगावॉट तक की क्षमता है।
जिसमें अलग-अलग बड़े प्रोजेक्ट के लिए 600 मेगावाट, आवासीय प्रोजेक्ट के लिए 250 मेगावाट, कॉमर्शियल व इंडस्ट्री प्रोजेक्ट के लिए 750 मेगावाट, इंस्टीट्यूशंस के लिए 350 मेगावाट और एग्रीकल्चर के लिए 50 मेगावाट की क्षमता आंकी गई है। इन्हीं संभावनाओं को ध्यान में रख कर सौर ऊर्जा नीति तैयार की जा रही है।
आपको बता दें कि सरकार की नई पॉलिसी में स्थानीय युवाओं को रोजगार की भी गारंटी दी गई है। साथ ही नई पॉलिसी मे कहा गया है कि सरकारी भूमि को लीज पर लेकर सोलर प्रोजेक्ट लगाने वाली फर्म को 70 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार देना होगा। उरेडा अपने टेंडर में इस शर्त को शामिल करेगा। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि सौर ऊर्जा नीति शासन में विभागीय प्रक्रिया में है, जो दो मार्च को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इसका मसौदा रखा जाएगा। कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद प्रदेश में सौर ऊर्जा नीति लागू हो जाएगी।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्रा सौर स्वरोजगार योजना के तहत दस हजार सोलर प्लांट लगाने की योजना थी लेकिन सरकार की ओर आंकड़ों के मुताबिक महज 120 प्लांट ही तैयार किये जा चुके हैं। उम्मीद है कि 27 फरवरी को मुख्य सचिव की अगुवाई वाली बैठक में हितधारकों के के हितों में सुझाव लेने के बाद योजना में संशोधन का प्रस्ताव दो मार्च की कैबिनेट में रखा जायेगा।