देहरादून: विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को कहा कि राष्ट्र और समाज के विकास में लैंगिक समानता होना जरूरी है। समाज अब लैंगिक समानता की ओर अग्रसर हो रहा है,जो एक सुखद अनुभव है।
यह बातें बुधवार को धर्मशाला हिमाचल प्रदेश में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 22 से 24 जून तक तीन दिवसीय लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (लबसना) और राष्ट्रीय महिला आयोग के सौजन्य से लैंगिक समानता विषय पर आयोजित महिला विधायक सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहीं।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि हाल के वर्षों में देश में लैंगिक समानता को लेकर सरकार और समाज के कई अभियान चलाए गए। उनका काफी उत्साहवर्धक परिणाम देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि पारिवारिक व व्यवसायिक कार्यों के बीच संतुलन सिर्फ एक महिला ही बना सकती है। राष्ट्र और समाज के विकास के लिए समानता का होना जरूरी है, लैंगिक समानता विकास का मापक होता है। निर्णय लेने का अधिकार, आर्थिक स्वालंबन, राजनीतिक भागीदारी का होना महिलाओं लिए जरूरी है। सरकार कई योजनाओं के माध्यम से इस लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास भी कर रही है लेकिन इसमें जन जागरूकता का होना भी जरूरी है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान में महिलाएं, पुरुषों की भांति प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। चाहे वह सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक जैसे कोई भी क्षेत्र हो, अब स्त्रियों से कोई क्षेत्र अछूता नहीं है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के निदेशक श्रीनिवास, राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी, हिमाचल प्रदेश की राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डी सी ठाकुर सहित विभिन्न प्रदेशों की महिला विधायक मौजूद रही।
आयोजन में 6 राज्यों जिसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल की महिला विधायक ने प्रतिभाग किया। तीन दिन तक सभी प्रतिभागी इस आयोजन में लैंगिक समानता और उसके अलग-अलग पहलुओं पर अपना मत व्यक्त करेंगी।