देहरादून: उत्तराखंड के टिहरी जनपद के कंड़ीसौड़ तहसील के नगुन पट्टी जामणी गांव से लापता गर्भवती महिला का कंकाल 24 सितंबर को गांव के पास जंगल से बरामद किया गया। मृतका तीन-चार माह की गर्भवती बताई जा रही है। वहीं महिला के परिजनों ने हत्या का आशंका जताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
जानकारी के अनुसार टिहरी जनपद के जामणी गांव निवासी जामणी गांव निवासी सरस्वती देवी 5 अगस्त को लापता हो गई थी, जिसकी सूचना पति गब्बर सिंह द्वारा अपने ससुराल वालों को दी तथा खोजबीन शुरू की। अगले दिन महिला के परिजन जामणी गांव पहुंचे तो उससे कुछ समय पूर्व ही महिला के पति ने कंडीसौड़ तहसील में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कुछ समय बाद गुमशुदा महिला के परिजन भी तहसील पहुंचे और हत्या की आशंका जाहिर करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराने की बात कही। काफी खोजबीन के बाद भी महिला का पता नहीं चलने पर परिजनों ने जिलाधिकारी से मामले की जांच राजस्व पुलिस से हटाकर रेगुलर पुलिस को सौंपने की मांग की। 19 अगस्त को जिला प्रशासन ने जांच थत्यूड़ सौंपकर कार्रवाई के निर्देश दिए लेकिन फिर भी महिला का कोई पता नहीं चल पाया।
गांव की कुछ महिलाएं बीते शनिवार शाम को चारा पत्ती के लिए जंगल जा रही थी, तभी उन्हें गांव से 500 मीटर दूर झाड़ियों के बीच कंकाल दिखाई दिया, जिसकी सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पर पुलिस व राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची। महिला के पिता तथा पति ने कपड़ों के आधार पर लापता महिला सरस्वती के होने की पुष्टि की।
पुलिस ने शव का पंचनामा भर कंकाल को जांच के लिए जिला अस्पताल भेजा। मृतका के पिता विजयपाल ने बताया कि सरस्वती देवी तीन-चार महीने की गर्भवती थी और उसका पति, सास, ससुर, जेठ तथा जेठानी दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे। उधर महिला के पति का कहना है कि उसका अपने पत्नी के साथ किसी प्रकार का विवाद नहीं था। फिलहाल तहरीर के आधार पर महिला के पति गब्बर सिंह सहित पांच लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।