देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपितों का नार्को टेस्ट कराने के लिए सोमवार को एसआईटी ने कोटद्वार जिला कोर्ट में अर्जी दी है।
इस मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम का कहना है कि हालांकि उसके पास इस हत्याकांड से जुड़े कई पुख्ता सबूत हैं लेकिन वह चाहती है कि कोर्ट में चार्जशीट दायर करने से पहले इन सबूतों को और अधिक मजबूत किया जा सके। इसके लिए अदालत से आरोपितों का नार्को टेस्ट कराने की अनुमति मांगी गई है।
ऋषिकेश स्थित वनन्तरा रिजार्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली अंकिता भंडारी की हत्या गत 18 सितंबर 2022 को की गई थी। 24 सितंबर को उसका शव चीला बैराज से बरामद हुआ था। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी लेकिन घटना के 3 माह बीत जाने के बाद भी एसआईटी अभी तक इस मामले में चार्जशीट तक कोर्ट में दाखिल नहीं कर सकी है। एसआईटी की जांच पर सवाल उठाते हुए अंकिता भंडारी के परिजनों ने हाई कोर्ट में अर्जी देकर जांच सीबीआई को सौंपने के साथ आरोपितों का नार्को टेस्ट कराने की मांग की थी।
हालांकि एसआईटी का कहना है कि वह इस मामले की फॉरेंसिक जांच आने का इंतजार कर रही है। एसआईटी अब तक न तो अंकिता भंडारी और न मुख्य आरोपित पुलकित आर्य का मोबाइल बरामद कर सकी है और न अंकिता के कमरे से कोई खास सबूत ही खोज सकी है क्योंकि उसके कमरे पर उसी रात बुलडोजर चलवा दिया गया था, जिस दिन इस मामले का खुलासा हुआ था। एसआईटी का मानना है कि नार्को टेस्ट से उसे कई अहम सबूत जुटाने में सहायता मिल सकती है। इससे आरोपितों के मोबाइल और मृतका के मोबाइल के बारे में पता चल सकता है। साथ ही जिस वीवीआईपी को स्पेशल सर्विस देने की बात सामने आ रही है, उसके नाम का भी खुलासा नार्को टेस्ट से हो सकता है।
नार्को टेस्ट के लिए अदालत पहुंची एसआईटी से एक बात तो जरूर साफ हो गई है कि अभी भी उसके पास इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं है और उसे अभी भी पुख्ता सुबूतों की तलाश है। नार्को टेस्ट भले ही कोर्ट में मान्य न हो, लेकिन इससे एसआईटी टीम को सबूत जुटाने में कितनी सफलता मिल सकेगी यह तो समय ही बताएगा। इस हत्याकांड के सभी तीन आरोपित पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ फिलहाल जेल में हैं।