नही रहे देश के पहले ममदाता श्याम शरण नेगी,106 वर्ष मे ली अंतिम सांस

Prashan Paheli

किन्नौर: देश के पहले वोटर मास्टर श्याम शरण नेगी का निधन हो गया है. हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के कल्पा में अपने घर में उन्होंने गुरुवार देर रात को अंतिम सांस ली। किन्नौर के डीसी आबिद हुसैन ने मास्टर नेगी के निधन की पुष्टि की है. नेगी 106 साल के थे और देश में पहली बार हुए चुनाव में सबसे पहले उन्होंने मतदान किया था।

जानकारी के अनुसार, मास्टर नेगी का स्वास्थ्य बीते कुछ दिन से खराब चल रहा था। इसी के चलते मास्टर नेगी ने हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए 2 नबम्बर को बैलेट पेपर के माध्यम से मतदान किया था. प्रथम मतदाता मास्टर श्याम सरन नेगी के कान में दर्द और आँखों की रौशनी भी कम हो चुकी थी. दो नंवबर को उन्होंने अपने जीवन में 34वीं बार मतदान किया था।

डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि मास्टर श्याम शरण नेगी दुनिया को अलविदा कह गए हैं, लम्बे समय से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था और ऐसे में शुक्रवार   सुबह करीब 3 बजे के आसपास उनके देहांत की सूचना मिली है. आज प्रशासन उन्हें सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करेगा. श्याम शरण नेगी के बेटे सीपी नेगी ने कहा कि उनके पिता लम्बे समय से बीमार चल रहे थे और आज सुबह करीब 3 बजे उनका देहांत हुआ है और उन्होंने प्रशासन को इसकी सूचना दे दी है।

2 नंवबर को वोट डालने के बाद देश के प्रथम मतदाता मास्टर श्याम सरन नेगी ने कहा था कि देश को अंग्रेजों और राजाओं के राज से आजादी मिली थी. आज लोकतंत्र के इस महापर्व में हर व्यक्ति को देश के विकास करने वाले व्यक्ति को चुनने की आजादी दी है और आज स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण मैंने अपने मत का प्रयोग घर पर ही किया है. सभी लोकतंत्र के महापर्व मे अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है।

देश में 1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए थे। क्योंकि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में चुनाव के दौरान भारी बर्फबारी होने का अंदेशा था. इसलिए किन्नौर में छह महीने पहले 1951 में ही वोट डाले गए थे और मास्टर नेगी ने पहला वोट कास्ट किया था. श्याम शरण नेगी 10 साल की उम्र में स्कूल गए और पांचवीं तक की पढ़ाई कल्पा में की। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए रामपुर गए। रामपुर जाने के लिए पैदल तीन दिन लगते थे. नौवीं कक्षा तक की पढ़ाई रामपुर से की।उम्र ज्यादा होने से 10वीं कक्षा में प्रवेश नहीं मिला और 1940 से 1946 तक वन विभाग में वन गार्ड की नौकरी की।उसके बाद शिक्षा विभाग में चले गए और कल्पा लोअर मिडिल स्कूल में अध्यापक बने. मास्टर नेगी का जन्म 1917 में हुआ था।

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