हरिद्वार: नगर निगम हरिद्वार, प्रशासन और श्री गंगा सभा गंगा घाटों पर साफ सफाई के जो दावे करते हैं, वो हरकी पैड़ी पर ही दम तोड़ देते हैं। ऐसे में अन्य घाटों की बात करना तो बेमानी होगा. हरकी पैड़ी पर पौराणिक ब्रह्मकुंड के आसपास भले ही स्वच्छता देखने को मिल जाए, लेकिन अन्य हिस्सों का हाल बड़ा खराब है हरकी पैड़ी के प्रवेश द्वार पर सैकड़ों जूते चप्पलों का ढेर लगा हुआ है, लेकिन ये किसी को नजर ही नहीं आता है।
तीर्थयात्रियों की मानें तो मालवीय घाट पर गंदगी का अंबार तक लगा हुआ है. तीर्थयात्रियों के मुताबिक कई जगहों पर से काफी बदबू आ रही है लेकिन उन्हें देखने वाला कोई नहीं है. ब्रह्मकुंड के सामने स्थित घंटाघर के आसपास यात्रियों का चलना दुर्गंध के कारण दूर भर हो गया है।
इन स्थितियों को देखने को बाद तो यहीं कह सकते हैं कि गंगाघाटों की सफाई भगवान भरोसे हैं. हरकी पैड़ी और आसपास के घाटों पर रोजाना श्रद्धालु गंगा स्नान करने आते हैं. स्नान के बाद पुराने कपड़े, बैठने के लिए खरीदी पालीथिन और अपने जूठे डिस्पोजल फेंक देते हैं। घाटों के आसपास डस्टबिन लगे हैं, लेकिन डस्टबिन नियमित खाली नहीं होते हैं। कहीं डस्टबिन से बाहर कूड़ा गिरता है तो कहीं उसके आसपास ढेर लगा रहता है।
गंगा सभा ब्रह्मकुंड से आगे बढ़कर साफ सफाई की ओर कोई ध्यान ही नहीं दे रही। बीते साल कुंभ के दौरान मालवीय घाट पर महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम स्थापित किए गए थे, लेकिन आज ये चेंजिंग रूम मां गंगा की दुर्गति का एक बड़ा कारण बने हुए हैं इनके आसपास से लोग बिना मुंह ढके नहीं निकल सकते. पढ़ें- ऋषिकेश में गंगा की तेज धारा में बही 5 साल की मासूम, सर्च ऑपरेशन जारीवहीं हरकी पैड़ी पर फैली गंदगी को लेकर श्री गंगा सभा के अध्यक्ष पंडित प्रदीप झा का कहना है कि सभी घाटों पर साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए. मालवीय घाट की सफाई-व्यवस्था नगर निगम हरिद्वार के अधीन है, लेकिन यहां की व्यवस्था काफी खराब है इसको लेकर शासन-प्रशासन को अवगत कराया जाएगा।