देहरादून। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की प्रेरणा तथा मुख्य सचिव उत्तराखण्ड ओमप्रकाश और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी के मार्गदर्शन में एक दिन की मनोनीत बालिका मुख्यमंत्री सृष्टि गोस्वामी की अध्यक्षता में विधान सभा में बाल विधायक सदन का आयोजन किया गया। बाल सदन में विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी और 13 विभागों ने अपना विभागीय प्रस्तुतिकरण दिया गया। विभागीय समीक्षा और प्रस्तुतिकरण से पूर्व मनोनीत मुख्यमंत्री की अनुमति से बाल सदन का आयोजन किया गया। जिसमें नेता प्रतिपक्ष आसिफ हसन ने सदन में सरकार के समक्ष प्रश्न उठाये। जिनका मुख्यमंत्री तथा उनकी अनुमति से अन्य मंत्री और बाल विधायकों द्वारा नेता प्रतिपक्ष के सवालों का क्रमवार उत्तर दिया गया तथा विपक्ष द्वारा उन पर सहमति व्यक्त की गयी।
इसके पश्चात बाल विकास विभाग द्वारा विभागीय प्रस्तुतिकरण प्रस्तुत करते हुए महिला, बच्चों, दिव्यंगजनों, निराश्रितों आदि के हित में सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनओं तथा उनके कल्याण के लिए उठाये गये इनिसिएटिव से अवगत कराया। इस दौरान महिला व बच्चों से सबन्धित अपराध तथा उनका उन्मूलन तथा महिला एवं बच्चों के समुचित विकास के लिए उठाये गये कदमों की बात कही। लोक निर्माण विभाग द्वारा राज्य में किये जा रहे पुल, सडक, तथा अन्य सम्पर्क निर्माण कार्यो से अवगत कराया। सिंचाई विभाग द्वारा सूर्याधार झील तथा अन्य संचालित व निर्मित्त की जा रही परियोजनाओं का प्रस्तुतिकरण दिया गया। पुलिस विभाग द्वारा अपराधों की प्रकृति तथा उनके उन्मूलन हेतु उठाये गये प्रयासों तथा अभिनव स्टेप्स से अवगत कराया। उन्होने बाल अपराध की रोकथाम, साईब्रर क्राईम रोकथाम, नशा मुक्ति अभियान, औपरेशन सत्य, तथा बाल तस्करी मुक्ति हेतु औपरेशन स्माईल के उदाहरण प्रस्तुत किये। इसके अतिरिक्त उधोग, उरेडा, स्मार्ट सिटी, शिक्षा, आदि विभागो ने भी विभागीय प्रस्तुतिकरण दिया। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री (आज के मुख्यमंत्री प्रतिनिधि) ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस तरह के आयोजन से बालिकाओं के आत्म विश्वास में वृद्धि होती है साथ ही सरकार की कार्यशैली तथा उनकी विश्ष्टि प्रक्रियाओं से व्यवहारिक रूप मे अवगत होने का भी अवसर प्राप्त होता है।
अध्यक्ष उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग उषा नेगी ने भी अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बालिकाओं व बच्चों को इस तरह के बाल सदन में अवसर देने पर उनको जीवन में और आगे बढने और कुछ करने की प्रेरणा मिलती है साथ ही शासकीय और प्रशासनिक क्रियाविधि की भी स्पष्ट जानकारी प्राप्त होती है। आज की मनोनीत बालिका मुख्यमंत्री सृष्टि गोस्वामी द्वारा इस दौरान सदन में महिला एवं बाल संरक्षण तथा विभिन्न विकास कार्यो के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सुझाव साझा किये। उन्होने बालिकाओं को विद्यालय आने जाने के लिए वाहनों में सुरक्षित माहौल बनाने, धरेलू हिंसा, नशाखोरी और बाल अपराधों पर लगाम लगाने तथा महिलाओं को सूरक्षित, सहज और सर्व स्वीकार्य वतावरण बनने के सुझाव दिये। बाल विधायकों में मनोनीत मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष के अलावा मनोनीत गृह मंत्री कुमकुम पन्त, जान्हवी, हरेन्द्र, चिराग, मानसी, ऋतिका आदि ने समीक्षा बैठक में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर अपर सचिव, बाल विकास झरना कमठान ने बाल सदन का विधिवत समापन किया।