देहरादून: धर्मनगरी हरिद्वार में महाकुंभ की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। राज्य सरकार लगातार महाकुंभ की व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की कवायद में जुटी हुई है, ताकि महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाया जा सकें। हालांकि, राज्य सरकार ने पहले ही तय कर दिया है कि महाकुंभ का स्वरूप, आने वाली स्थितियों के अनुसार तय किया जाएगा।
शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक के अनुसार महाकुंभ की अधिसूचना फरवरी अंत तक जारी कर दी जाएगी और कुंभ 48 दिनों तक चलेगा।
12 साल बाद होने वाला महाकुंभ इस बार 11 साल बाद ही हरिद्वार में आयोजित हो रहा है। यही नहीं, हरिद्वार में होने वाला महाकुंभ देश के अन्य राज्यों में होने वाले महाकुंभ से लंबा समय तक चलने वाला महाकुंभ होता है।
लेकिन इस बार का महाकुंभ 4 महीने के वजह मात्र 48 दिन में सिमट गया है। जिसकी मुख्य वजह वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण है। मुख्य रूप से देखें तो महाकुंभ की शुरूआत जनवरी महीने की शुरूआत से ही हो जाती है। क्योंकि पहला स्नान 14 जनवरी यानी मकर सक्रांति पर्व पर होता है।
परन्तु इस बार कोरोना की वजह से स्थितियां भिन्न होने के चलते राज्य सरकार फरवरी अंत अधिसूचना जारी करेगी यानी मार्च महीने से महाकुंभ शुरू होगा। उससे पहले महाकुंभ के दौरान होने वाला पहला स्न्नान मकर संक्रांति को होगा।
हालांकि, अभी व्यवस्था पूरी तरह से मुकम्मल नहीं हो पाई है। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के बीच मकर संक्रांति का स्नान संपन्न कराया जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड पुलिस के आला अधिकारियों ने निर्देश जारी कर दिए हैं, ताकि मकर संक्रांति को होने वाले पहले स्नान पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लिया जाए।