निर्मल भेख संतों ने की महंत ज्ञानदेव सिंह को हटाने की मांग

Prashan Paheli

हरिद्वार। निर्मल भेख के संतो ने जिलाधिकारी को पत्र देकर पंचायती अखाड़ा निर्मला रजि. कनखल के विकास के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से कुंभ मेला निधि से अखाड़े के अध्यक्ष/श्रीमहंत पद से हटाने और मेला ग्रांट दिये जाने की निंदा करते हुए रोक लगाने की मांग की है। ऐसा होने पर हड़ताल और अखाड़े में काबिज संतो को बाहर निकालने की चेतावनी दी है। प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता के दौरान निर्मल भेख के संतों ने महंत ज्ञान देव सिंह पर अखाड़े की संपत्ति को खुर्द- बूर्द करने का आरोप लगाते हुए कुंभ मेला निधि से जारी एक करोड़ की राशि पर रोक लगाने की मांग की । 15 दिन के भीतर ऐसा नही होने पर हड़ताल करने और अखाड़े में काबिज संतो को बाहर निकालने की चेतावनी दी है। बताया गया कि पंचायती अखाड़े की जनरल कमेटी ने 26 दिसम्बर 2017 को महंत ज्ञानदेव सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच सही पाये जाने पर उनके पद से हटा दिया था। इसके बावजूद गैर कानूनी तरीके से कब्जा जमाये हुए है। महंत ज्ञानदेव सिंह के खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है। 19 अगस्त 2019 को श्रीमहंत/ अध्यक्ष के पद पर रेशम सिंह को नियुक्त किया गया है। इसके उपरांत सूची को रजिस्ट्रार, फर्म सोसायटी व चिटस फंड , हरिद्वार में जमा करायी जा चुकी है। वर्तमान में श्रमहंत के पद पर श्री महंत रेशम िंसह काबिज है। ऐसे में किसी और को अखाड़े की व्यवस्था देना गैर कानूनी हैं। पत्रकार वार्ता में महंत गोपाल सिंह, महंत संतोष सिंह, महंत जगजीत सिंह, महंत सरबजीत सिंह, महंत जगतार सिंह, महंत कश्मीर सिंह, महंत भूपेन्द्र सिंह, महंत अमनदीप सिंह सहित अन्य संत मौजूद रहें।

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