नैनीताल: प्लास्टिक वेस्ट मामले पर हाईकोर्ट ने कहा पेश हों सचिव, दें जवाब

Prashan Paheli

नैनीताल: हाईकोर्ट ने राज्य में प्लास्टिक निर्मित कचरे पर पूर्ण रूप प्रतिबंध लगाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई की।

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने सचिव शहरी विकास, सचिव पंचायती राज और सचिव वन, पर्यावरण व निदेशक शहरी विकास को 20 मार्च को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए हैं।

खंडपीठ ने इन सभी से कोर्ट में पेश होकर यह बताने को कहा है कि पूर्व में दिए गए आदेशों पर कितना अमल हुआ। खंडपीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से कहा है कि वह अपना कल्ट प्लान स्टेट पॉल्यूशन बोर्ड और शहरी विकास विभाग के साथ साझा करे ताकि प्लास्टिक वेस्ट फैलाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही की जा सके।

वहीं, अल्मोड़ा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को आदेश दिए हैं कि वे अल्मोड़ा के द्वाराहाट ब्लॉक के उन ग्रामों का दौरा करें जिन्होंने पत्र लिखकर कहा है कि ब्लॉक के अधिकारियों द्वारा उनसे जबरदस्ती शपथपत्र पर हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं। इस मामले की जांच कर उसकी रिपोर्ट फोटोग्राफ सहित कोर्ट में पेश की जाए। मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 मार्च की तिथि नियत की गई है।

पेपरबाजी कर रहे अधिकारी, धरातल पर काम नहीं खंडपीठ ने टिप्पणी की कि अधिकारी समस्या का समाधान करने के बजाय पेपरबाजी कर रहे हैं, धरातल पर कार्य नहीं। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता हवालबाग, अल्मोड़ा निवासी जितेंद्र यादव के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने अदालत को अवगत कराया कि 20 दिसंबर को कोर्ट ने सचिव पंचायती राज को आदेश दिए थे कि कूड़ा निस्तारण की समस्याओं को लेकर ग्राम पंचायतों से रिपोर्ट मंगाकर शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करें। लेकिन सचिव द्वारा प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों से कहा गया कि आप अपनी-अपनी समस्याओ को शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करें। नहीं करने पर यह उच्च न्यायलय के आदेश की अवहेलना होगी, जिसकी वजह से पिछले सप्ताह प्रदेश के 8 हजार ग्राम पंचायतों द्वारा 6.35 लाख पन्नों के 8 हजार शपथपत्र पेश किए गए, जिनको पढ़ना असंभव है। किस ग्राम पंचायत की क्या समस्या है, इतने शपथपत्रों में ढूंढना कठिन है।

जबरन हस्ताक्षर, फोटो हमारी ग्राम सभा की नहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी बताया कि अल्मोड़ा के द्वाराहाट ब्लॉक की तीन ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों ने उनको पत्र लिखकर कहा है कि जो शपथपत्र उनसे जमा कराए जा रहे हैं, उनमें उनके हस्ताक्षर जबरदस्ती कराए जा रहे हैं। जो कूड़ा निस्तारण की फ़ोटो शपथपत्र में लगाई जा रही है, वह उनके ग्राम सभा की नहीं है।

वे किसी अन्य बैठकों की हैं। जो डस्टबिन दिखाए जा रहे हैं, वे अधिकारियों ने दुकान से लाकर उनकी फोटो खींचकर उनको फिर से दुकानदार को वापस कर दिए हैं। उनको इस बारे में कोई जानकारी तक नहीं दी गयी इसलिए हमने शपथपत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए, न ही शपथ पत्र उच्च न्यायलय में जमा किए।

इस संबंध में ग्राम पंचायत मेनता, धनयाणी पनेर के ग्राम प्रधानों ने शिकायत की। जमा शोध पत्रों में कहा गया कि उनके पास कूड़ा निस्तारण के साधन नहीं हैं। बजट नहीं है, न ही सरकार ने इस संबंध में कोई जागरूकता अभियान चलाया। आज तक उनकी बैठक नहीं बुलाई। हर ग्राम सभा की अपनी-अपनी अलग-अलग समस्याएं हैं।

Next Post

जनता दरबार कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने सुनीं जनता की समस्याएं

टिहरी: जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. सौरभ गहरवार द्वारा अपने कार्यालय कक्ष में जनता दरबार कार्यक्रम के तहत जनता की समस्याएं सुनी गई। इस मौके पर 16 शिकायतें, अनुरोध पत्र दर्ज किये गए। जिलाधिकारी द्वारा प्रकरणों के निस्तारण हेतु समयसीमा निर्धारित कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये जनता दरबार […]

You May Like