देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से गुरूवार को राजभवन में वाईस एडमिरल (से नि) अनिल कुमार चावला व सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने मुलाकात की। राज्यपाल ने उत्तराखण्ड प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के क्षेत्र में दोनों के साथ बैठक करते हुए उनके अनुभवों से सुझाव प्राप्त किए। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए एक जन अभियान चलाये जाने के जरूरत है। बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विचार-विमर्श किया गया है, जिनमें मुख्य रूप से स्वच्छता अभियान को एक जन आन्दोलन से जोड़ते हुए सभी हितधारकों को इस अभियान से जोड़ना है।
इसके अलावा घर से निकलने वाले कूड़े का पृथक्कीकरण (गीला एवं सूखा कूड़ा) अलग-अलग किया जाना अति आवश्यक है। बैठक में सफाई करने वाले कर्मियों को उचित सम्मान एवं उनका हौसला बढ़ाये जाने पर बातचीत की गई। इंदौर मॉडल का अध्ययन कर उसे उत्तराखण्ड के परिपेक्ष्य में किस तरह क्रियान्वित किया जाए इस पर बैठक में विचार-विमर्श किया गया। राज्यपाल ने कहा कि प्रथम चरण में स्वच्छता अभियान को देहरादून एवं हरिद्वार शहरों से शुरू किया जायेगा। राज्यपाल ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे श्री चावला एवं श्री नौटियाल के अनुभवों से लाभ प्राप्त करते हुए जल्द ही नगर निगमों के मेयरों के साथ बैठक कर विस्तृत कार्ययोजना पर विचार-विमर्श किया जायेगा। इस दौरान श्री चावला द्वारा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में केरल राज्य में उनके द्वारा किये गए कार्यों की जानकारी राज्यपाल को दी गई। उन्होंने कूड़ा प्रबंधन पर विस्तार से अपने अनुभव साझा किए। अनूप कुमार नौटियाल ने उत्तराखण्ड में स्वच्छता की चुनौती और अवसरों को लेकर अपने विचार साझा किए। इसके अलावा वर्तमान में देहरादून नगर निगम और उनके द्वारा चलाए जा रहे प्लास्टिक मुक्त अभियान की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अभी तक 105 स्कूलों से 48 हजार विद्यार्थी और अध्यापक अभियान का हिस्सा बन चुके हैं। छात्र-छात्राओं को सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग व गीले, सूखे कूड़े के पृथक्कीकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विद्यालयों में प्लास्टिक यूज के प्रति जागरूकता लाने के लिए स्कूल प्रशासन व छात्र-छात्राओं को प्लास्टिक संरक्षक, प्लास्टिक योद्धा एवं प्लास्टिक प्रहरी बनाया गया है। बैठक में उत्तराखण्ड को स्वच्छ बनाने हेतु कई अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर भी विचार-विमर्श किया गया।