हरिद्वार। महानगर व्यापार मंडल के व्यापारियों ने बैठक कर कुंभ पर ट्रेनों की आवाजाही बंद करने एवं कुंभ सीमित करने पर रोष जताते हुए प्रदेश सरकार से व्यापारियों के लिए आर्थिक पैकेज की मांग करते हुए प्रत्येक व्यापारी के लिए 2 लाख के मुआवजे की मांग की। महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी ने कहा कि हरिद्वारवासियों के लिए एकमात्र संजीवनी कुंभ स्नान शेष था, जिसकी आस लगाकर व्यापारी बैठा था। पिछले वर्ष से लगातार बर्बादी पर पहुँचता व्यापारी अगर कुंभ में भी व्यापार न चला पाया तो आत्महत्या को मजबूर होगा। इसलिए कुंभ स्नानो पर कोविड 19 रिपोर्ट की बाध्यता को समाप्त करना चाहिए था और कोविड 19 के अन्य नियमों सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का प्रयोग कर श्रद्धालुओ के आवागमन को सुनिश्चित किया जाना चाहिए था, लेकिन रोजाना सरकार की बदलती गाइडलाइन व्यापारियों के साथ धोखा है। जिससे व्यापारी त्रस्त हो चुका है, रोजाना बदलते नियम कुंभ की आस लगाए व्यपारियो के साथ कुठाराघात है। बड़ी बड़ी रैलियों आयोजनों में कोई कार्यवाही नही है। न ही वहाँ कोरोना फैलता है, लेकिन जब बात व्यापार की हो तो कोरोना आ जाता है। महानगर अध्यक्ष जितेंद्र चौरसिया एवं महामंत्री नाथीराम सैनी ने संयुक्त रूप से कहा कि बार्डरों पर कोविड 19 की जांच के नाम पर श्रद्धालुओं को रोककर, ट्रेनों को रोककर व्यापारियों को बर्बादी की कगार पर पहुँचाने की तैयारी है। इससे अच्छा व्यापारियों को जहर दे दिया जाए, क्योकि कुंभ के सीमित होने का प्रभाव सीधा-सीधा हरिद्वार के हजारों व्यापारियों के परिवारों पर पड़ेगा। सरकार ने व्यापारियों को कोई राहत पैकेज, बिजली-पानी के बिल, स्कूलों की फीस कोई माफ नहीं करी। उल्टा व्यापारियों का उत्पीड़न करने के रोज नए नए फरमान जारी किए जा रहे है, जो अब बर्दाश्त से बाहर हो गया है। इसलिए केंद्र सरकार को इस बाध्यता को समाप्त कर बेरोकटोक श्रद्धालुओ को आने देना चाहिए। जब वैक्सीन भी लग रही है और अन्य प्रदेशों में सब कुछ बेरोकटोक चल रहा है तो हरिद्वार कुंभ के साथ सौतेला व्यवहार क्यो किया जा रहा है। बैठक में मुख्य रूप से बनारसी दास, हन्नी दमीर, गुलशन कुमार, गौतम हलदर, गौरव कुमार, रवि जोशी, उमेश चौधरी, सचिन शर्मा, सन्नी दमीर, मनोज शर्मा, राहुल कुमार, मुकेश अग्रवाल, राजेश भाटिया, सुनील मनोचा, राजेश सुखीजा उपस्थित रहे।