देहरादून: राज्यपाल ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी किसी भी राष्ट्र की उन्नति व विकास के लिए महत्वपूर्ण है। भारत विश्व स्तर पर विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) शुक्रवार को उत्तरांचल विश्वविद्यालय, प्रेमनगर में ‘आकाश तत्व’ पर आधारित राष्ट्रीय प्रदर्शनी व सम्मेलन के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनी स्थल पर प्रत्येक स्टॉल की जानकारी ली और स्कूल के विद्यार्थियों से संवाद किया। इससे पहले उन्होंने एटमॉसफेरिक डॉटा क्लेकशन की जानकारी देने वाले स्पेस बेलून को छोड़कर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान, परमाणु ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी पर अनेक नवीन शोध कार्य कर रहे हैं। उन्होंने पंच महाभूत के विषय में भारत के पौराणिक ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक शोध से समझने की आवश्यकता को इंगित किया। अंतरिक्ष के रहस्यों को सुलझाने और समझने में इसरो की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसरो ने भारतीय ज्ञान-विज्ञान को पूरी दुनिया में प्रकाशित और आलोकित किया है। उन्होंने कहा कि हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है, हमारे वैज्ञानिक, ऋषि-मुनियों की तरह हैं जो निरंतर ग्रह, उपग्रह और अंतरिक्ष की गहराइयों में भारतीय तत्व चिंतन को एक आकार और प्रकार दे रहे हैं। हमारे प्रदेश को तकनीकों की बहुत बड़ी आवश्यकता है। पहाड़ों पर रेल का पहुंचाना कुछ समय पहले सपना लगता था, लेकिन हम कुछ समय में ही पहाड़ों पर रेल ले जा रहे हैं, जो तकनीक से ही संभव हो सका है।
इस मौके पर इसरो के वैज्ञानिक सचिव डॉ. एएस शांतनु वाडेकर ने इस सम्मेलन के उद्देश्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। संगठन महामंत्री विज्ञान भारती प्रवीण रामदास ने इस कार्यक्रम से युवा शक्ति को विज्ञान के प्रति आकर्षित करने का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी व प्रदर्शनी का उद्देश्य आम जनमानस को भारतीय दर्शन पर आधारित विभिन्न वैज्ञानिक संगठनों द्वारा संचारित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित शोध एवं नवाचार से परिचित कराना है।
इस मौके पर सदस्य सचिव डॉ. समीर शरन ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर यूकोस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत, कुलाधिपति उत्तरांचल विश्वविद्यालय डॉ. आरपी सिंह, कुलपति प्रो.धर्मबुद्धि, सहित विश्वविद्यालयों, कॉलेजों एवं संस्थानों के विद्यार्थी एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहे।