आईआईटी जोधपुर ने एनर्जी मटीरियल्स एवं डिवाइसेज़ पर राष्ट्रीय सम्मेलन का किया आयोजन

Prashan Paheli
देहरादून: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर ने को एनर्जी मटीरियल्स एवं डिवाइसेज़ पर राष्ट्रीय सम्मेलन (ई-एमएडी 2022) का शुभारंभ किया। तीन दिन का यह आयोजन शिक्षा और उद्योग जगत के राष्ट्रीय और स्थानीय विशेषज्ञों के लिए संवाद का अभूतपूर्व अवसर है। साथ ही, यह सम्मेलन अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लिए नई मटीरियल डिजाइन करने की चुनौतियों के समाधान पर प्रकाश डालेगा। इन्हीं चुनौतियों को दूर करने और जरूरतों को पूरा करने के लक्ष्य से आईआईटी जोधपुर ने 16-18 दिसंबर, 2022 तक एनर्जी मटीरियल्स एवं डिवाइसेज़ पर राष्ट्रीय सम्मेलन का यह आयोजन किया है। इसमें शिक्षा संस्थानों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं और विभिन्न उद्योगों के लगभग 100 से अधिक प्रतिभागियों की भागीदारी अपेक्षित है। सम्मेलन की मुख्य वक्ता सीएसआईआर महानिदेशक और डीएसआईआर सचिव डॉ. एन कलाइसेल्वी जी हांेगी और प्रोफेसर आर आर सोंडे आईआईटी दिल्ली, गेस्ट ऑफ ऑनर होंगे। आयोजन में मौजूद विभिन्न आईआईटी और अन्य वैज्ञानिक संगठनों के अन्य प्रतिष्ठित वक्ता अपने व्याख्यान से इसकी गरिमा बढ़ाएंगे। अनुसंधान के प्रभाव और ईएमएडी 2022 सम्मेलन के महत्व के बारे में बात करते हुए, डीजी-सीएसआईआर डॉ. एन कलैसेल्वी ने कहा, “आज के दौर में प्रौद्योगिकियां अल्पकालिक हैं लेकिन लिथियम दीर्घकालिक है। हम सभी को अपने शोध के प्रभाव से  ग्रामीण, शहरी और राष्ट्रीय विकास पर बल देना चाहिए। बढ़ते हुए कार्बन फुटप्रिंट की प्रतिकूल पर्यावरणीय स्थिति पर प्रकाश डालते हुए प्रोफेसर आर आर सोंडे, आईआईटी दिल्ली ने कहा, हमें नई समस्याओं को उत्पन्न किए बिना अपनी समस्याओं का समाधान प्रदान करने पर बल देना चाहिए। हमें ऊर्जा उत्पादन और भंडारण के नए तरीकों की खोज करनी चाहिए। उद्घाटन समारोह के दौरान, आईआईटी जोधपुर द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में की गई पहलों पर प्रकाश डालते हुए, आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. शांतनु चौधरी ने कहा, “संस्थान वर्तमान समय की ऊर्जा मांगों को पूरा करने के साथ-साथ सतत विकास में गहरी रुचि रखता है। हम ऊर्जा सम्बंधित चुनौतियों से निपटने के लिए एक ऊर्जा केंद्र बनाने की योजना बना रहे हैं।
Next Post

जीएसटी की कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने का फैसलाए अभियोजन की सीमा बढ़ी

नई दिल्ली: जीएसटी परिषद ने नियमों के अनुपालन में की जा रही कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने पर शनिवार को सहमति जताने के साथ ही अभियोजन शुरू करने की सीमा को दोगुना कर दो करोड़ रुपये करने का फैसला किया। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने जीएसटी परिषद […]

You May Like