देहरादून: पहली बार पहाड़ों की रानी मसूरी में इगास पर्व सार्वजनिक रूप से धूमधाम से मनाया गया। जिसमें पहाड़ी लोक संस्कृति की झलक देखने को मिली। इस मौके पर जिलाधिकारी ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत कर उपस्थित लोगों के साथ नृत्य करते हुए जनपद वासियों, पर्यटक एवं सभी लोगों को इगास बग्वाल की शुभकामनाएं दी। साथ ही उन्होंने पहाड़ी व्यंजन का लुफ्त उठाया।
मसूरी नगर प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से लोकपर्व इगास बग्वाल मनाया गया। इगास पर्व के आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी सोनिका को पुष्पगुच्छ एवं पहाड़ी टोपी पहना कर स्वागत अभिनंदन किया।
इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि मसूरी में पहली बार इगास पर्व का आयोजन किया गया है। जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पहाड़ी व्यंजन भी परोसा जा रहा है। पर्यटक भी इस पर्व का आनंद ले रहे हैं। पर्यटकों को इस पर्व के बारे में बताया भी जा रहा है। पहाड़ के लोक पर्व को जनजन से जोड़ने एवं युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के लिए इस तरह के आयोजन जरूरी हैं। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। आने वाले लोग उत्तराखंड की लोक संस्कृति के बारे में जान सकेंगे और पर्व एवं त्योहारों का आनंद उठाएंगे।
इस दौरान उपजिलाधिकारी और आयोजन समिति के अध्यक्ष मोहन पेटवाल के नेतृत्व में एक-एक सांस्कृतिक यात्रा पारंपरिक वाद्ययंत्रों, ढोल दमाउ, रणसिंघा व मसक बाजा के साथ निकाली गई। शहीद स्थल पर दोनों सांस्कृतिक यात्राएं एकत्र हुई तथा वहां पर जमकर पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ भैलों खेला गया व लोकनृत्य आयोजित किए गए।
शहीद स्थल पर रस्साकशी का खेल भी आयोजित किया गया। उसके बाद सभी गढ़वाल टैरेस पर गये, जहां पर विधिवत इगास कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें एसडीएम सहित नगर के विभिन्न सामाजिक व राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए।