रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बृहस्पतिवार को पेश किये गये आगामी वित्त वर्ष के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उनकी सरकार का इरादा योजनाओं को राज्य के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है।
झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2022 -23 के लिए कुल 1,01,101 करोड़ रुपए का 2.81 प्रतिशत वित्तीय घाटे का बजट पेश किया।
इस बजट पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, ‘‘हमारा इरादा है, राज्य के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाएं पहुंचें।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट इस राज्य के जनमानस का बजट है। उन्होंने कहा, ‘‘आगामी वित्त वर्ष के बजट में राज्य के हर वर्ग यथा किसान, युवा, व्यवसायी, गरीब, महिला आदि को समाहित किया गया है।’’
इससे पूर्व झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने विधानसभा में बजट पेश किया जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र में सर्वाधिक 27 प्रतिशत की वृद्धि की गई है जबकि आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए पूंजीगत व्यय वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में 59 प्रतिशत बढ़ाकर 24827.70 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
पिछले वर्ष राज्य सरकार ने कुल 92,277 करोड रुपए का बजट पेश किया था जिसकी तुलना में इस वर्ष लगभग 9.56 प्रतिशत अधिक राशि रखी गयी है।
वित्तमंत्री ने बजट के बाद अपने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राज्य को आगामी वित्त वर्ष में कुल 11,286 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि आगामी वित्त वर्ष में वर्तमान वर्ष की तुलना में पूंजीगत व्यय में 59 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोतरी की गई है और इस वर्ष कुल मिलाकर राज्य में 24827 करोड़ 70 लाख रुपए का पूंजीगत व्यय किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि विपक्ष लगातार यह सवाल उठाता था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को मकान के लिए पूरी राशि केंद्र सरकार देती है और राज्य सरकार इस क्षेत्र में कुछ नहीं करती।
उन्होंने कहा कि इसी बात को ध्यान में रखते हुए आगामी वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले आवासों में एक कमरा राज्य सरकार की तरफ से जोड़ने के लिए प्रति मकान .50,000 की अतिरिक्त राशि लाभुकों को देने का निर्णय लिया है।