नयी दिल्ली। भारत का अधिकांश हिस्सा इस समय गर्मी का प्रकोप झेल रहा है। पहले लोग मई-जून की गर्मी का उदाहरण देते थे लेकिन साल 2022 में मार्च-अप्रैल की गर्मी ने ही सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं। भारत में पिछले 122 वर्ष में इस साल मार्च का महीने सबसे गर्म रहा और इस दौरान देश के बड़े हिस्से को भीषण गर्मी के प्रकोप का सामना करना पड़ा। ऐसे में लोगों को आशंका है कि मई-जून में क्या होगा। यही नहीं, गर्मी के प्रकोप के चलते कुछ राज्यों में बिजली की मांग में अचानक तेजी आने से बिजली की कमी भी देखी जा रही है। इसके अलावा प्रचंड गर्मी के चलते ही कई जगहों पर आग लगने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। लू के थपेड़ों ने जहां लोगों का जीना मुहाल कर रखा है वहीं इसके चलते लोग तमाम तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से भी जूझ रहे हैं।
मौसम की मार
उत्तर पश्चिमी भारत में लू का प्रकोप जारी है और इस बीच दिल्ली में ज्यादातर इलाकों में अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि देखी गई है जिसके चलते आज से दिल्ली में लू चलने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 46 डिग्री से. तक भी पहुंच सकता है। मौसम विशेषज्ञ तापमान बढ़ने के पीछे उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इस क्षेत्र को अफगानिस्तान पर पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण बादल छाए रहने की वजह से पिछले सप्ताह थोड़ी राहत मिली थी।