नयी दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने अपने एमआई 17 हेलीकॉप्टर के फ्लीट में एक अतिरिक्त प्रणाली जोड़ने का निर्णय लिया है। जिसके अंतर्रगत अब भारत के एमआई 17 हेलीकॉप्टर्स में इजरायल की स्पाइक नॉन लाइन ऑफ साइट मिसाइल्स को शामिल किया जाएगा। मूलतरू ये एक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल्स होंगे। जिनका इस्तेमाल भारत के एमआई 17 हेलीकॉप्टर से किया जाएगा। इनकी रेंज करीब 30 किलोमीटर की बताई जा रही है। यानी की ये एक लॉन्ग रेंज की एंटी टैंक मिसाइल होने वाली है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन्हें मुख्यतरू पहाड़ी इलाकों में तैनात किया जाएगा। ताकी दुश्मनों के टैंक, सैन्य वाहनों को आसानी से निशाना बनाया जा सके।
भारतीय थल सेना की तरफ से एलआर 21 लांचर और मिसाइलों को शामिल करने की योजना है। वहीं वायुसेना रूस के एमआई 17 के हेलीकॉप्टर पर स्पाइक एनएलओएस मिसाइल लगा रही है। रक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार आपातकाल खरीद के तहत दोनों तरह की एंटी टैंक मिसाइलें की खरीद बहुत सीमित संख्या में की गई है। जिसमें कुछ रक्षा खामियों को दूर किया जा सके। जबकि बड़ी संख्या में एंटी टैंक मिसाइलों की आवशयकता है। मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत मिसाइलों की खरीद करने का रास्ता तलाशा जा रहा है।
इसके सेना की तैयारियों को धार देने के लिए बोइंग ने एक बार फिर से भारतीय सेना के लिए 60 की संख्या में अपाचे एयर 64 हैलीकॉप्टर्स का ऑफर किया है। बोइंग की तरफ से कहा गया है कि अगर भारत बड़ी संख्या में इन अटैक हेलीकॉप्टर्स का ऑर्डर देता है तो उनकी कैम्बैट कैपेब्लिटी कहीं ज्यादा बढ़ जाएगी। इसके अलावा भारतीय वायुसेना को लॉन्गबो रडार की जरूरतों के बारे में सुझाव दिया है। ये सारी जरूरतें बोइंग के द्वारा पूरी की जा सकती हैं