हल्द्वानी। एमबीपीजी कॉलेज में नई शिक्षा नीति-2020 शिक्षक शिक्षा के संदर्भ में विषयक संगोष्ठी में प्राचार्य डॉ. एनएस बनकोटी ने कहा कि राज्य के शिक्षण संस्थानों में नई शिक्षा नीति-2020 के लागू होने से प्राध्यापकों को संस्थानों में सेवा के बेहतर अवसर मुहैया होंगे। उन्होंने कहा कि नए सत्र से उच्च शिक्षण संस्थानों में यह व्यवस्था लागू होनी है। इसमें विद्यार्थियों को भी शिक्षण की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
कॉलेज सभागार में संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए डॉ. बनकोटी ने कहा कि नई शिक्षा नीति उच्च शिक्षा के उन्नयन में मददगार साबित होगी। नई शिक्षा नीति लागू होने से जहां शिक्षण संस्थानों को बेहतर सुविधाओं के साथ नई चुनौतियों के लिए तैयार किया जाएगा, वहीं प्राध्यापकों को भी सेवा के बेहतर अवसर मुहैया कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत राज्य के हर जिले में एक मॉडल डिग्री कॉलेज विकसित किया जाएगा। साथ ही कॉलेजों में डुअल मोड पर शिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। वर्चुअल लैब के माध्यम से शिक्षण संस्थानों को आपस में एक दूसरे से जोड़ा जाएगा। डॉ. चन्द्रावती जोशी ने संगोष्ठी के उद्देश्यों से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि एनईपी-2020 में 25 फोकस ग्रुप बनाए गए हैं, जिसमें एक समूह शिक्षक-शिक्षा क्षेत्र का है। उच्च शिक्षा के उन्नयन के लिए यह समूह सबसे महत्वपूर्ण है। विभागाध्यक्ष डॉ. अनीता जोशी ने सेवापूर्ण शिक्षक-शिक्षा एवं सेवारत शिक्षक-शिक्षा की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। नासिर सैफी, शुभम सिंह नेगी, किरन मेहता, पूजा आर्या, सुनील सिंह, हरेन्द्र सिंह, प्रियंका जनौटी ने विचार रखे। इस मौके पर डॉ. हरेन्द्र सिंह अधिकारी, डॉ.टीसी पांडे, डॉ. सविता भंडारी, डॉ. रेनु रावत, डॉ. प्रियंका सांगुड़ी, डॉ. गिरजा रौतेला, डॉ. संगीता, डॉ. गोयल मौजूद रहे।