पटना। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी जारी है। यही कारण है कि देश में जरूरी चीजों की भी कीमत बढ़ गई हैं। आम आदमी पर महंगाई का मार पड़ रहा है। इन सबके बीच बिहार में भी लगातार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में हुए चुनावी नतीजों के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगा समझ बढ़ रही है। यही कारण है कि सरकारों की भी खूब आलोचना हो रही है। आज पटना में जनता दरबार के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर सवाल पूछा गया। जिसके जवाब में नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा कि हो सकता है कि कुछ दिन बाद स्थिति सामान्य हो जाए।
अपने बयान में नीतीश ने कहा कि पेट्रोल और डीज़ल पर हमने कुछ महीने पहले राहत दिया था। कोई चीज़ अगर इतना बढ़ जाए तो हमारे पास तत्काल कहां है, इतना संसाधन कि हम तुरंत कुछ कर सकें। ज़रुर तेल की बढ़ती कीमतों पर केंद्र सरकार ज़ल्द कुछ सोचेगी। हो सकता है कुछ दिन के बाद स्थिति सामान्य हो जाए। हालांकि अच्छी बात तो यह है कि आज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई है। यानी कि लगातार 5 दिन से पेट्रोल और डीजल की कीमतें नहीं बढ़ी हैं जिससे आम आदमी को थोड़ी राहत हुई है। राष्ट्रीय बाजार में गुरुवार से लगातार पेट्रोल और डीजल के भाव स्थिर है। इससे पहले 6 अप्रैल को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 80 पैसे प्रति लीटर बढ़ोतरी की गई थी।
गुरुवार तक बीते 16 दिन में कुल दस रुपये प्रति लीटर या 10 फीसदी से अधिक की वृद्धि की जा चुकी है। सरकारी तेल कंपनियों की ओर से जारी मूल्य संबंधी अधिसूचना के मुताबिक, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत पहले के 104.61 रुपये के मुकाबले अब 105.41 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जबकि डीजल के दाम 95.87 रुपये से बढ़कर 96.67 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में देशभर में वृद्धि की गई है, लेकिन इनके दाम स्थानीय कर के आधार पर अलग-अलग राज्यों में भिन्न हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतें करीब साढ़े चार महीने तक स्थिर रहने के बाद 22 मार्च को बढ़ाई गई थीं। तब से कीमतों में 14वीं बार वृद्धि की गई है।