मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के दक्षिण मुंबई स्थित सिल्वर ओक आवास के सामने शुक्रवार को प्रदर्शन करने के मामले में मुंबई पुलिस ने 107 लोगों के खिलाफ दंगा करने और साजिश रचने की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के हड़ताल कर रहे करीब 100 कर्मचारियों ने पवार के आवास के सामने प्रदर्शन किया था और आरोप लगाया था कि वयोवृद्ध नेता उनकी मदद करने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं।
अधिकारी ने बताया कि 107 लोगों के खिलाफ दक्षिण मुंबई के गमदेवी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है जिनमें से 23 महिला आरोपी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आरोपियों में राज्य परिवहन कर्मचारियों के नेता, कार्यकर्ता और अन्य शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस को आशंका है कि इन प्रदर्शनों के पीछे बड़ी साजिश है और वह प्रदर्शन में शामिल लोगों की भूमिका की जांच कर रही है। राकांपा के पदाधिकारी ने बताया कि इस बीच, घटना की जानकारी होने के 10 मिनट के भीतर राज्य के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे पवार के आवास सिल्वर ओक पहुंचे। पदाधिकारी ने बताया, ‘‘वह (आदित्य ठाकरे) करीब एक घंटे तक पवार के आवास पर रहे और इसके बाद पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए चले गए।’’ शिवसेना और राकांपा ने हालांकि, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा पवार को फोन करने की पुष्टि नहीं की है। महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस और राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने इस घटना की निंदा की है।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘पवारके आवास के सामने हुई घटना हर तरह से गलत है। भले किसी भी पार्टी या नेता द्वारा किया गया प्रदर्शन हो, उसका किसी भी तरह समर्थन नहीं किया जा सकता है। मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं।’’
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, ‘‘एमएसआरटीसी के कर्मचारी गत पांच महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। मैं केवल इतनी इच्छा रखता हूं कि उनकी उचित मांगों का समाधान हो।’’ कांग्रेस नेता थोराट ने मांग की कि जिसने भी एमएसआरटीसी कर्मियों के प्रदर्शन का आयोजन किया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।