कोवैक्सीन के संबंध में डब्ल्यूएचओं की कार्रवाई का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा: भारत बायोटेक

Prashan Paheli

हैदराबाद। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा संयुक्त राष्ट्र की खरीद एजेंसियों के माध्यम से कोवैक्सीन की आपूर्ति निलंबित करने की घोषणा के बीच भारत बायोटेक के सूत्रों ने सोमवार को कहा कि दवा कंपनी ने संयुक्त राष्ट्र की किसी एजेंसी को कोविड-19 टीके की आपूर्ति नहीं की है और निलंबन का कोई असर महसूस नहीं होगा।

सूत्रों ने बताया कि अब तक कंपनी ने केंद्र सरकार के ‘टीका मैत्री’ कार्यक्रम के तहत भारत सरकार और नौ देशों को टीकों की आपूर्ति की है, और आपातकालीन उपयोग मंजूरी (ईयूए) के तहत प्रत्यक्ष वाणिज्यिक आपूर्ति की है। कोवैक्सीन को 25 से अधिक देशों से आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिली है।

कंपनी के एक सूत्र ने कहा, ‘‘भारत में आपातकालीन इस्तेमाल के लिए लाइसेंस मिलने के बाद, हमने डब्ल्यूएचओ के साथ आपातकालीन उपयोग के वास्ते सूचीबद्ध (ईयूएल) किये जाने के लिए आवेदन किया और हमें वह भी मिल गया। ईयूएल का इरादा संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) और गावी कोवैक्स सुविधा जैसी संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों को टीकों की आपूर्ति करना था। सूत्र ने कहा, ‘‘लेकिन हमें आज तक संयुक्त राष्ट्र की किसी एजेंसी से कोई‘ऑर्डर’ नहीं मिला है।

इसलिए हमने अभी तक कोई आपूर्ति नहीं की है। हमने केवल भारत सरकार और कुछ अन्य देशों को टीकों की आपूर्ति की है, लेकिन ये सभी आपूर्ति उन देशों से प्राप्त ईयूए पर आधारित थी।’’ अंतरराष्ट्रीय टीका गठबंधन ‘गावी कोवैक्स’ ने भी कोवैक्सीन के लिए कोई ‘ऑर्डर’ नहीं दिया है।

डब्ल्यूएचओ ने अच्छी विनिर्माण प्रथाओं (जीएमपी) में कमियों का हवाला देते हुए दो अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र की खरीद एजेंसियों के माध्यम से कोवैक्सीन की आपूर्ति को स्थगित करने की पुष्टि की थी।

डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि निरीक्षण में पाई गई कमियों को दूर करने और सुविधाओं को उन्नत (अपग्रेड) करने के मकसद से यह फैसला लिया गया है। सुविधाओं को उन्नत किये जाने के संबंध में कंपनी के सूत्रों ने सोमवार को कहा कि जिन सुविधा केन्द्रों में कोवैक्सीन बनायी जा रही है, उनमें से किसी को भी विशेष रूप से कोवैक्सीन के निर्माण के लिए तैयार नहीं किया गया था।

सूत्र ने कहा कि मौजूदा सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा और उन्हें कोवैक्सीन के अनुरूप बनाया जाएगा। सूत्र ने कहा, ‘‘हमारे टीका प्रमाण पत्र वैध है और भारत में आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं होगी।’’

डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने 14-22 मार्च के दौरान भारत बायोटेक (बीबी) सुविधा केन्द्र का निरीक्षण किया था। सूत्रों ने बताया कि यह कोई औचक दौरा नहीं था और आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) में शामिल किये जाने से पहले कोई निरीक्षण नहीं किया गया था और डब्ल्यूएचओ का ऑडिट केवल कोवैक्सीन के लिए था।

नाक के जरिये दिये जाने वाले कोविड टीके के संबंध में एक सवाल के जवाब में, कंपनी के सूत्र ने कहा कि तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है और चार महीने में इसका डाटा उपलब्ध होगा क्योंकि यह एक बहुत ही जटिल परीक्षण है। सूत्र ने कहा, ‘‘डाटा का विश्लेषण करने के बाद हम तय करेंगे कि हमें अतिरिक्त परीक्षण करने चाहिए या लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहिए।’’

डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि भारत बायोटेक जीएमपी की कमियों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है और भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) और डब्ल्यूएचओ को प्रस्तुत करने के लिए एक सुधारात्मक और निवारक कार्य योजना विकसित कर रहा है। भारत बायोटेक ने यह भी कहा कि डब्ल्यूएचओ की घोषणा ओक्यूजेन कंपनी के परीक्षणों को प्रभावित नहीं करेगी।

ओक्यूजेन ने अमेरिकी बाजार के लिए कोवैक्सीन के निर्माण, आपूर्ति और वाणिज्यीकरण के लिए भारत बायोटेक के साथ एक समझौता किया था।

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