नयी दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को बताया कि युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को बाहर निकालने के भारत के अभियान ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत पिछले 24 घंटों में भारत के लिए छह उड़ानें रवाना हुई हैं। ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत भारतीयों को भू सीमाओं के जरिए यूक्रेन से निकलने के बाद हंगरी, रोमानिया, पोलैंड और स्लोवाकिया से हवाई मार्ग से स्वदेश लाया जा रहा है। जयशंकर ने कहा कि पिछले 24 घंटों में भारत के लिए रवाना होने वाली उड़ानों में पोलैंड से पहली उड़ान भी शामिल हैं।
पिछले कुछ दिनों में भारतीयों को यूक्रेन से बाहर निकालने के लिए रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से उड़ान संचालित हो रही हैं। जयशंकर ने बुधवार को सुबह ट्वीट किया, ‘‘ऑपरेशन गंगा संबंधी जानकारी। पिछले 24 घंटों में छह उड़ानें भारत के लिए रवाना हुई हैं। इनमें पोलैंड से पहली उड़ान भी शामिल है। यूक्रेन से 1,377 से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया है।’’ यूक्रेनी वायु क्षेत्र को बंद किए जाने के बाद भारत भू सीमाओं के जरिए यूक्रेन से भारतीयों को निकाल रहा है। पहली निकासी उड़ान के जरिए बुखारेस्ट से 219 भारतीयों को शनिवार शाम को मुंबई लाया गया था। विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने मंगलवार की रात को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि आगामी तीन दिन में भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए 26 उड़ानें निर्धारित की गई हैं। उन्होंने कहा किबुखारेस्ट और बुडापेस्ट के अलावा, पोलैंड और स्लोवाक गणराज्य के हवाई अड्डों का भी उपयोग निकासी उड़ानों के संचालन के लिए किया जाएगा।
श्रृंगला ने कहा, ‘‘मैंने जिक्र किया था कि पहला परामर्श जारी किए जाने पर यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय छात्र थे।’’ उन्होंने कहा कि तब से यूक्रेन से करीब 12,000 लोग निकल गए हैं, जो यूक्रेन में भारतीयों की कुल संख्या का करीब 60 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘‘शेष 40 प्रतिशत में से करीब आधे लोग खारकीव-सुमी में संघर्ष वाले क्षेत्र में हैं और शेष आधे लोग या तो यूक्रेन की पश्चिमी सीमा पर पहुंच गए हैं या पहुंच रहे हैं। अन्य शब्दों में कहें, तो वे संघर्ष क्षेत्र से मुख्य रूप से बाहर हैं यानी खतरे से बाहर हैं।