सैटलमिंट इंडिया उत्तराखण्ड के मेडिकल कॉलेजों को उपलब्ध कराएगी पावर्ड ब्लॉकचेन आधारित असेट ट्रैकिंग समाधान

Prashan Paheli

देहरादून। तेज़ी से विकसित होती ग्लोबल ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, बेल्जियम-आधारित सैटलमिंट की भारतीय शाखा ने उत्तराखण्ड मेडिकल कॉलेज के साथ ब्लॉकचेन आधारित असेट ट्रैकिंग सोल्युशन्स के लिए एक पायलट परियोजना की शुरूआत की घोषणा की है। इस परियोजना के साथ सैटलमिंट ने देश में सार्वजनिक क्षेत्र में प्रवेश किया है जो पिछले दो सालों के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में इसके द्वारा तेज़ी से हुई प्रगति की पुष्टि करता है। डॉ सुखबीर सिंह संधु, मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड सरकार ने परियोजना का सॉफ्ट लॉन्च किया, इस अवसर पर आशीष कुमार श्रीवास्तव (आईएएस), महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा, उत्तराखण्ड सरकार, डॉ पंकज कुमार पाण्डेय, सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, मिस सृष्टि असुदानी, सैटलमिंट एवं अन्य दिग्गज मौजूद थे।

परियोजना के बारे में बात करते हुए डॉ सुखबीर सिंह संधु, महासचिव, उत्तराखण्ड सरकार ने कहा, ‘‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक विकेन्द्रीकृत वितरित लेजर के रूप में मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में इन्वेंटरी और असेट मैनेजमेन्ट की समस्या को हल करेगी तथा विभिन्न सेंटरों में मौजूद डेटा को एग्रीगेट करेगी। इससे इन्वेंटरी मैनेजमेन्ट की दक्षता में सुधार होगा तथा उपकरणों पर ज़रूरत से अधिक व्यय के मामले कम होंगे।’’

परियोजना के बारे में बात करते हुए मिस सृष्ट असुदानी, डायरेक्टर सेल्स, सैटलमिंट ने कहा, ‘‘मेडिकल कॉलेजों को फिक्स्ड एवं कन्ज़्यूमेबल असेट मैनेजमेन्ट डैप उपलब्ध कराया जाएगा। इससे विभिन्न विभागों (स्टोर्स) के एडमिन, मेडिकल कॉलेज की असेट्स को निर्मित, स्थानान्तरित और चिन्हित कर सकेंगे। फिक्स्ड असेट यानि स्थिर सम्पत्ति और उनके स्थानान्तरण के बारे में सभी जानकारी ब्लॉकचेन पर डाली जाएगी, ताकि विभिन्न विभागों के एडमिन ज़रूरत पड़ने पर इन सम्पत्तियों की ट्रैकिंग कर सकें। इससे संसाधनों की बेहतर उपयोगिता को सुनिश्चित किया जा सकेगा और उपकरणों के परफोर्मेन्स के बारे में उचित डेटा का संग्रहण हो सकेगा। पायलट परियोजना के लिए यह सिस्टम 1 मेडिकल कॉलेज में लगाया जाएगा।’’ उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा।

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