सीएम की कुर्सी छोड़ेंगे नीतीश! भाजपा का होगा अपना मुख्यमंत्री, बिहार की सियासत में अटकलों का दौर

Prashan Paheli

नयी दिल्ली। भले ही पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव संपन्न हुए हैं। उत्तर प्रदेश में इन चुनावों की हलचल सबसे ज्यादा थी। लेकिन अब बिहार की राजनीति में कई कयासों का दौर शुरू हो गया है। बिहार की राजनीति में सबसे ज्यादा इस बात की चर्चा है कि अब नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति या राष्ट्रपति बनेंगे और राज्य में भाजपा का अपना मुख्यमंत्री होगा। इस चर्चा के बीच नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कुछ ऐसा बयान दे दिया जिसके बाद इन दावों को और मजबूती मिल रही है। दरअसल, नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में राज्यसभा जाने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि लोकसभा, विधानसभा और विधान परिषद का वह सदस्य हो चुके हैं। लेकिन अभी तक राज्यसभा का सदस्य नहीं बने हैं।

इसी के बाद अब यह कयास लगने शुरू हो गए हैं कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर नीतीश कुमार राज्यसभा जाएंगे? कयास इस बात को लेकर भी तेज हो गई है कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति भी बन सकते हैं। ऐसे में वह राज्यसभा के भी अध्यक्ष होंगे। 16 सालों से बिहार के मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार के इस बयान से इस बात की अटकलें तेज हो गई है कि वह अब एक नई भूमिका के इच्छुक हैं। उपराष्ट्रपति पद के लिए अगले कुछ महीनों में चुनाव भी होने हैं। सबसे बड़ी बात है कि नीतीश कुमार की इच्छा का समर्थन बिहार में जदयू की सहयोगी भाजपा खुलकर कर रही है। हालांकि यह बात भी सच है कि मुजफ्फरपुर के बोचहा में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के परिणाम के बाद ही बिहार की राजनीति कोई नई करवट लेगी।

भाजपा का प्लान

दरअसल, बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश कुमार का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है। विपक्ष नीतीश सरकार पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। शराबबंदी और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर लगातार नीतीश कुमार को अपनों के साथ-साथ विपक्षी दलों की भी आलोचना झेलनी पड़ रही है। यही कारण है कि स्थिति को भांपते हुए भाजपा बिहार में अपना सीएम बनाने की जुगत में लग गई है। वर्तमान में देखें तो बिहार में भाजपा की कई बड़ी बैठक लगातार देखने को भी मिल रही है। भाजपा का प्लान यह है कि अगर नीतीश कुमार बिहार छोड़कर दिल्ली की राजनीति में जाते हैं, ऐसे में राज्य में वह अपना मुख्यमंत्री बनाएगी। 2020 के विधानसभा चुनाव में 74 सीटें जीतने के बावजूद भी भाजपा ने 43 सीटों पर जीत हासिल करने वाली जदयू के नेता नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने दिया। हालांकि अब वीआईपी पार्टी के भी तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। ऐसे में उसकी संख्या 77 हो गई है और वह बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

कौन बनेगा सीएम

जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार के दिल्ली की राजनीति में जाने के साथ ही भाजपा बिहार में अपना मुख्यमंत्री देगी। जबकि जदयू के कोटे से दो उपमुख्यमंत्री रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक भाजपा दलित या ओबीसी चेहरे को बिहार में आगे कर सकती है ताकि जातियों का समीकरण बना रहे। वर्तमान में देखें तो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री की रेस में भाजपा के सम्राट चौधरी और शाहनवाज हुसैन का भी नाम सामने आ रहा है। डिप्टी सीएम की रेस में जदयू कोटे से मुंगेर के सांसद और पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह का नाम है। इसके अलावा बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री और नीतीश कुमार के बेहद ही खास विजय कुमार चौधरी और मंत्री श्रवण कुमार भी डिप्टी सीएम की रेस में आगे चल रहे हैं।

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