जयपुर। कांग्रेस शासित राज्य में आदिवासियों के धर्मांतरण के खेल का बड़ा खुलासा हुआ है। जिसके बाद विश्व हिन्दू परिषद भी पूरे मामले को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने जशपुर में स्थानीय लोगों के धर्म परिवर्तन का प्रयास करने के आरोप में एक पादरी सहित 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 295ए और 34 और धर्म स्वतंत्रता कानून की धारा 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले पर बोलते हुए, जशपुर के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) मनीष कुंवर ने कहा कि आईपीसी की धारा 295 ए और 34 और धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच जारी है।
पुलिस ने बताया कि एक शिकायत मिलने के बाद बगिया ग्राम पंचायत के तहत भालूटोला से पादरी क्रिस्टोफर तिर्की और ज्योति प्रकाश टोप्पो को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शिकायत के मुताबिक, तिर्की और टोप्पो ने गांव में आज सुबह टोप्पो के घर पर एक ‘चंगई सभा’ आयोजित की, जिसमें उन्होंने स्थानीय आदिवासियों का कथित तौर पर ईसाई धर्म में धर्मांतरण करने की कोशिश की थी। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में एक मामला दर्ज कर लिया गया है।
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पूरे मामले पर विश्व हिन्दू परिषद के सह मंत्री राजेश गुप्ता ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि ईसाई पादरियों की प्रार्थना सभा में कंवर जनजाति के 25 परिवारों के 68 लोग शामिल थे। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का खेल काफी पुराना रहा है। बीते वर्ष ही 1200 लोगों को घर वापसी करवाया गया था। कार्यक्रम आर्य समाज और हिंदू समाज द्वारा आयोजित किया गया था। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के जशपुर के पत्थलगाँव के किलकिला धाम में आर्य समाज द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम में 250 परिवार के 600 लोगों ने क्रिसमस के दिन हिंदू धर्म में घर वापसी कराई गई थी।