पहाड़ पर पुष्कर राज, ऐसे तय किया कोश्यारी के ओएसडी से सीएम की कुर्सी तक का सफर

Prashan Paheli

देहरादून। आज उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री के रूप में अपनी दूसरी पारी का आगाज करेंगे। दोपहर ढाई बजे धामी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाल हैं। शपथग्रहण समारोह में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई और मंत्री और बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता शामिल होंगे। चुनाव नतीजे आने के 12 दिन बाद उत्तराखंद के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी शपथ लेने जा रहे हैं। देहरादून के परेड ग्राउंड में शपथग्रहण समारोह की भव्य तैयारी हो चुकी है। चिंतन और मंथन के लंबे दौर के बाद पुष्कर सिंह धामी चुनाव हारकर भी मुख्यमंत्री के दौर में आगे निकल गए। तमाम तैरते नामों के बीच पीएम मोदी ने एक बार फिर युवा पुष्कर सिंह धामी पर भरोसा जताया।

मंथन में लगा 12 दिन का वक्त

हाल में घोषित विधानसभा चुनाव परिणामों में भाजपा 70 में से 47 सीटों पर जीत हासिल कर दो-तिहाई से अधिक बहुमत के साथ प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है। हांलांकि, ‘‘उत्तराखंड फिर मांगे, मोदी-धामी की सरकार’’ के नारे के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने वाली भाजपा को जीत दिलाने वाले धामी अपनी परंपरागत सीट खटीमा से हार गए। इस कारण नेतृत्व को मुख्यमंत्री के नाम पर नए सिरे से मंथन करना पड़ा जिसमें लगभग 11 दिन का वक्त लग गया।

कठिन समय में संभाली कमान और बन गए राजनीति के धोनी

केंद्रीय पार्टी पर्यवेक्षक शामिल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी विधानसभा चुनाव से पहले उनकी तुलना क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी से करते हुए उन्हें एक अच्छा मैच फिनिशर बताया था जो जरूरत पडने पर भाजपा के लिए ताबड़तोड रन बना सकते हैं। क्रिकेट शब्दावली का प्रयोग करते हुए सिंह ने कथित तौर पर कहा था कि धामी मुख्यमंत्री के रूप में बिना थके अनवरत काम कर रहे हैं और उन्हें टेस्ट मैच खेलना चाहिए। धामी ने जब पिछले साल जुलाई में कार्यभार संभाला था तब वह प्रदेश के इतिहास में सबसे युवा मुख्यमंत्री बने थे और उनके सामने कोरोना महामारी और आपदाओं के साथ ही नजदीक आते विधानसभा चुनाव जैसी कई चुनौतियां थीं और खुद को साबित करने के लिए मात्र छह माह थे। कोविड के चलते पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था, तीर्थ पुरोहितों का चारधाम बोर्ड को लेकर आंदोलन और कोविड फर्जी जांच घोटाला जैसी चुनौतियां भी उनके सामने थीं। उन्होंने कई आर्थिक पैकेजों की घोषणा और चारधाम बोर्ड भंग कर जीत हासिल की और ऐन विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष के हाथ से मुददे छीन लिए।

कोश्यारी के करीबी

पुष्कर सिंह धामी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांगण से निकलकर एबीवीपी से अपनी राजनीति की शुरुआत की। दो बार बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। धामी महाराष्ट्र के राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के करीबी माने जाते हैं और उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान वह उनके विशेष कार्याधिकारी थे। माना जाता है कि छात्र राजनीति से जुड़े रहे धामी को राजनीति के क्षेत्र में उंगली पकडकर कोश्यिारी ही लाए।

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