भोपाल। राजधानी भोपाल में पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन आतंकियों से जब्त लैपटॉप में पुलिस को अहम जानकारी मिली। जानकारी मिली है कि लोगों को इस्लामिक विचारधारा से जोड़ने के लिए पैसे देते थे और आंतकियों को बाहर से फंडिंग की जाती है।
दरअसल भोपाल में पकड़ाए आतंकियों को समोवार कोर्ट में पेश किया जाएगा। एटीएस आतंकियों को कोर्ट में पेश करेगी। एटीएस गिरफ्तार हुए आतंकियों की कोर्ट से रिमांड मांगेगी। वहीं आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद गृह विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है।
इसे लेकर प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आंतकियों के पास से जिहादी किताबें मिली हैं। इसे लेकर ैप्ज् बनाई जा रही है। 4 में से 3 ने स्वीकार कर लिया कि वो बांग्लादेश के निवासी हैं। उन्होंने आगे कहा कि एमपी में सभी जगह अलर्ट जारी किया गया है।
इधर कांग्रेस ने बीजेपी पर तंज कसा है। कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि इस मामले में एमपी का इंटेलिजेंस फेल है। इससे साफ जाहिर है कि एमपी के इंटेलिजेंस फेल है। उन्होंने कहा कि पता नहीं कितने आतंकी और बना दिए होंगे।
आपको बता दें कि एटीएस को सूचना मिली थी कि भोपाल में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। इनपुट के आधार पर पुलिस ऐशबाग पहुंची और एक बिल्डिंग में दबिश देकर दो संदिग्धों को पकड़ा लिया। इनकी निशानदेही पर करोंद इलाके की खातिजा मस्जिद के पास एक घर में रह रहे 2 और आतंकियों को भी गिरफ्तार किया गया था।
जिसके बाद गिरफ्तार आतंकियों के नाम फजर अली उम्र 32 साल, मोहम्मद अकील उम्र 24 साल, जहूरउद्दीन उम्र 28 साल और फजर जैनुल है। पहले 6 आतंकियों के गिरफ्तार होने की खबर आई थी। हालांकि पुलिस ने कहा कि 6 नहीं 4 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है।